छत्तीसगढ़ में फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के आठ अफसरों की जाति निकली फर्जी

पिछले एक महीने में कमेटी ने करीब 32 मामलों का पता लगाया है जिसमें जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 09:05 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 09:05 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के आठ अफसरों की जाति निकली फर्जी
छत्तीसगढ़ में फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के आठ अफसरों की जाति निकली फर्जी

रायपुर, नईदुनिया राज्य ब्यूरो। अनुसूचित जाति, जनजाति के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे अधिकारियों-कर्मचारियों की जाति का पता लगाने के लिए गठित राज्य स्तरीय हाईपावर कमेटी ने फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) में कार्यरत आठ अफसरों की जाति फर्जी पाई है। हाईपावर कमेटी ने एफसीआइ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि अभी इन अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसी लिए नाम भी गोपनीय रखे गए हैं।

हाईपावर कमेटी इन दिनों फर्जी जाति मामलों का धड़ाधड़ निपटारा कर रही है। पिछले एक महीने में कमेटी ने करीब 32 मामलों का पता लगाया है जिसमें जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। इन सभी मामलों में कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है। हाईपावर कमेटी में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि कमेटी की सिफारिश के आधार पर नौकरी से बर्खास्तगी से लेकर सेवाकाल के दौरान लिए गए वेतन की रिकवरी तक का प्रावधान है।

हालांकि अधिकांश मामलों में जाति फर्जी पाए जाने पर प्रमोशन रोक दिया जाता है और नौकरी चलती रहती है। कमेटी ने बिलासपुर की एक महिला प्रोफेसर की जाति फर्जी पाई थी। उक्त महिला प्रोफेसर आदिवासी के प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रही थी। जाति फर्जी मिलने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। कमेटी को मंत्रालय में भी फर्जी जाति के तीन मामले मिले हैं। इन मामलों को सामान्य प्रशासन विभाग के सुपुर्द किया गया है। इनपर अभी निर्णय होना बाकी है।

जोगी की जाति की जांच को बनी थी कमेटी

ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईपावर कमेटी बनाई गई। उनकी जाति के साथ ही कमेटी राज्य के अन्य मामलों की भी जांच कर रही है। प्रदेश में फर्जी जाति के करीब तीन सौ प्रकरण वर्षों से लंबित हैं। अब हाईपावर कमेटी इन प्रकरणों का तेजी से निपटारा करने में जुटी है।

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