कोरोना महामारी के दौरान भी नेबुलाइजेशन थेरेपी सुरक्षित, विशेषज्ञों ने कहा- जेट नेबुलाइजर का करें इस्तेमाल

कोरोना के इस दौर में फेफड़े की सेहत और उसके इलाज को लेकर कई तरह की भ्रांतियां सामने आई हैं। नेबुलाइजर के इस्तेमाल को लेकर भी आशंकाएं जताई जा रही हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने स्पष्ट कर दिया है कि नेबुलाइजर का इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2021 11:55 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 12:28 AM (IST)
कोरोना महामारी के दौरान भी नेबुलाइजेशन थेरेपी सुरक्षित, विशेषज्ञों ने कहा- जेट नेबुलाइजर का करें इस्तेमाल
विशेषज्ञों ने कहा है कि नेबुलाइजर का इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है।

मुंबई, एएनआइ। कोरोना महामारी के इस दौर में फेफड़े की सेहत और उसके इलाज को लेकर कई तरह की भ्रांतियां सामने आई हैं। नेबुलाइजर के इस्तेमाल को लेकर भी आशंकाएं जताई जा रही हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने स्पष्ट कर दिया है कि नेबुलाइजर का इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है। देश में श्वसन संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की शीर्ष संस्था इंडियन चेस्ट सोसाइटी (आइसीएस) ने इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया था।

इस टास्क फोर्स ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें अस्पताल के साथ ही घरों में नेबुलाइजेशन को लेकर कहा गया है कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है। नेबुलाइजेशन थेरेपी का इस्तेमाल अस्थमा के दौरे को तुरंत रोकने के लिए किया जाता है। इसके जरिये दवा को तेजी के साथ फेफड़ों में पहुंचाया जाता है।

विशेषज्ञों ने कहा है कि जहां तक कोरोना के प्रसार का मामला है, नेबुलाइजेशन से इसका खतरा बहुत कम है। आइसीएस ने अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि नेबुलाइजेशन के लिए पारंपरिक फेस मास्क का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, खासकर कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में। इसके स्थान पर जेट नेबुलाइजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

जेट नेबुलाइजर से एक पाइप के जरिये सीधे मुंह में दवा दी जाती है। इससे भाप के रूप में दवा के फैलने का खतरा नहीं रहता है। आइसीएस के राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजेश स्वर्णकार ने हाल ही में एक लाइव वेबिनार के दौरान इन दिशानिर्देशों के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि नेबुलाइजेशन के लेकर देश के अधिकतर डॉक्टरों का यही मत है।

हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में नेजल वैक्सीन क्रांतिकारी साबित हो सकती है। मालूम हो कि भारत बायोटेक ने बीते दिनों नेजल वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए भारतीय दवा महानियंत्रक (डीजीसीआइ) से अनुमति भी मांगी है। नेजल वैक्सीन की खासियत है कि यह एक खुराक वाली दवा है।

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