डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 50 फीसद प्रभाव भी बुरा नहीं, कोवैक्सीन को लेकर जताई जा रही चिंताओं को विशेषज्ञों ने किया खारिज

विशेषज्ञों का कहना है कि कोवैक्सीन के 77.8 फीसद का प्रभाव का आकलन कोरोना के प्रारंभिक वैरिएंट यानी वुहान में पाए गए वैरिएंट के खिलाफ पाया गया था। उनका यह भी कहना कि कोवैक्सीन ही नहीं बल्कि लगभग सभी वैक्सीन को डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कम प्रभावी पाया गया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 07:45 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 07:52 PM (IST)
डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 50 फीसद प्रभाव भी बुरा नहीं, कोवैक्सीन को लेकर जताई जा रही चिंताओं को विशेषज्ञों ने किया खारिज
तीसरे चरण के परीक्षण में लक्षण वाले मरीजों पर वैक्सीन को पाया गया था 77.8 फीसद प्रभावी

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ स्वदेशी टीका कोवैक्सीन के 50 फीसद के प्रभाव को भी विशेषज्ञ खराब नहीं मानते। कोवैक्सीन के तीसरे चरण के नतीजों के आधार पर कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों पर इसे 77.8 फीसद असरदार पाया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभाव में कमी न तो हैरान करने वाला है और नहीं खराब है। डेल्टा वैरिएंट के चलते ही इस साल देश में अप्रैल से मई के दौरान कोरोना संक्रमण चरम पर पहुंच गया था।

वैक्सीन के असर को लेकर दो अलग-अलग आंकड़ों के सामने आने के बाद इसे लेने वालों में चिंता बढ़ गई थी। विशेषज्ञों ने इन चिंताओं को खारिज किया है और डेल्टा वैरिएंट की शक्ति, कोरोना की दूसरी लहर की तीव्रता और स्वास्थ्यकर्मियों के ज्यादा मरीजों के बीच काम करने को इस नवीनतम आंकड़े की मुख्य वजह बताया है।

दरअसल, लैंसेट पत्रिका में बुधवार को नया शोध अध्ययन प्रकाशित हुआ था। इसमें कहा गया है कि वास्तविक मूल्यांकन में कोवैक्सीन को डेल्टा वैरिएंट से पैदा हुए संक्रमण के खिलाफ 50 फीसद प्रभावी पाया गया है। यह अध्ययन नई दिल्ली के एम्स में काम करने वाले कर्मचारियों बीच 15 अप्रैल से 15 मई के दौरान किया गया था।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोवैक्सीन के 77.8 फीसद का प्रभाव का आकलन कोरोना के प्रारंभिक वैरिएंट यानी वुहान में पाए गए वैरिएंट के खिलाफ पाया गया था। उनका यह भी कहना है कि कोवैक्सीन ही नहीं बल्कि लगभग सभी वैक्सीन को डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कम प्रभावी पाया गया है।

कोवैक्सीन को 15 और देशों ने दी मान्यता

समाचार एजेंसी आइएएनएस ने विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया है कि 15 और देशों ने कोवैक्सीन को मान्यता दे दी है। इनमें आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेलारूस, हंगरी, ईरान, इस्टोनिया, जार्जिया, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, लेबनान, मारीशस, मंगोलिया, नेपाल, निकारागुआ, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, तुर्की और यूक्रेन शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया कि अब तक कोवैक्सीन को मान्यता देने वाले देशों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है।

सीरम ने कोरोना वैक्सीन का निर्यात शुरू किया

प्रेट्र के मुताबिक विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) ने कोविशील्ड का निर्यात फिर शुरू कर दिया है। कंपनी इस कोरोना रोधी वैक्सीन का निर्यात फिलहाल निम्न और मध्यम आय वाले देशों को कर रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि उसने अब तक कोविशील्ड की 1.25 अरब डोज का उत्पादन किया है। देश में संक्रमण के बढ़ने के बाद सरकार ने अप्रैल में वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

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