कम हो रहा इंजीनियरिंग का क्रेज, नहीं भर रही सीटें; पिछले तीन साल में कॉलेजों ने 5.5 लाख सीटें लौटाईं

शैक्षणिक सत्र वर्ष 2021-22 में सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों ने सबसे ज्यादा 1.20 लाख सीटें वापस की हैं। वहीं निजी कालेजों ने करीब 14 हजार सीटें वापस की हैं। शिक्षा मंत्रालय ने संसद में बताया कि पिछले तीन साल में साढे़ पांच लाख से ज्यादा सीटें वापस की गई हैं।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:13 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:13 PM (IST)
कम हो रहा इंजीनियरिंग का क्रेज, नहीं भर रही सीटें; पिछले तीन साल में कॉलेजों ने 5.5 लाख सीटें लौटाईं
2014 में इंजीनियरिंग सीटों की कुल संख्या थी 32 लाख, सात साल में सबसे ज्यादा घटी सीटें

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। युवाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई का क्रेज लगातार कम होता दिख रहा है। इसका अंदाजा इंजीनियरिंग की सीटों में पिछले कुछ सालों से लगातार हो रही कमी से भी लगाया जा सकता है। पिछले सात सालों में सबसे ज्यादा सीटें कम हुई हैं। इस साल भी तकनीकी संस्थानों में इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्स की करीब डेढ़ लाख सीटें कम हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2014-15 में तकनीकी संस्थानों में इंजीनियरिंग के सभी कोर्सों में कुल सीटों की संख्या 32 लाख थी जो अब घटकर सिर्फ 23 लाख रह गई है।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के मुताबिक, दाखिले में कमी के चलते तकनीकी संस्थान सीटों को लगातार वापस कर रहे हैं। इस साल भी 1.46 लाख सीटें वापस की गई हैं। इनमें सरकारी व निजी इंजीनियरिंग संस्थान दोनों ही शामिल हैं। शैक्षणिक सत्र वर्ष 2021-22 में सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों ने सबसे ज्यादा 1.20 लाख सीटें वापस की हैं। वहीं निजी कालेजों ने करीब 14 हजार सीटें वापस की हैं। शिक्षा मंत्रालय की ओर से संसद को दी गई एक जानकारी में बताया गया है, कि पिछले तीन साल में साढे़ पांच लाख से ज्यादा सीटें वापस की गई हैं। इस बीच एआइसीटीई ने करीब एक लाख सीटें रद भी की हैं, क्योंकि कई सालों से इन सीटों के खाली होने के बाद भी संस्थान इन्हें वापस नहीं कर रहे थे। दरअसल सीटों की संख्या के हिसाब से संस्थानों को फैकल्टी का प्रबंध करना होता है। 

नए इंजीनियरिंग कालेज खोलने पर रोक

इस बीच इंजीनियरिंग कालेजों के लगातार बंद होने और सीटों को वापस करने की होड़ को देखते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने वर्ष 2022 तक नए इंजीनियरिंग कालेजों को नहीं खोलने का निर्णय लिया है। हालांकि, इससे देश के अति पिछड़े जिलों को छूट दी गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सात सालों में देश के करीब 400 इंजीनियरिंग कालेज बंद हुए हैं। बावजूद इसके परिषद ने जो योजना बनाई है, उसके तहत नए इंजीनियरंग कालेजों को खोलने व किसी भी कोर्सों को शुरू करने की अनुमति उनकी स्थानीय मांग को देखते हुए दी जाएगी।

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