अमेरिका ने दे दिया था जवाब, भारत में वर्चुअल रियलिटी मॉडल से हुई मिस्र के बच्चे की हार्ट सर्जरी

मिस्र के एक 11 साल के बच्‍चे को अमेरिका और यूरोप के डॉक्‍टरों ने जवाब दे दिया था लेकिन भारतीय डॉक्‍टरों ने वर्चुअल रियलिटी मॉडल के जरिए हार्ट सर्जरी कर दिया उसे नया जीवन...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 05:13 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 05:13 PM (IST)
अमेरिका ने दे दिया था जवाब, भारत में वर्चुअल रियलिटी मॉडल से हुई मिस्र के बच्चे की हार्ट सर्जरी
अमेरिका ने दे दिया था जवाब, भारत में वर्चुअल रियलिटी मॉडल से हुई मिस्र के बच्चे की हार्ट सर्जरी

नई दिल्ली, पीटीआइ। चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में हृदयरोग से पीड़ित मिस्र के 11 वर्षीय बच्‍चे की सर्जरी आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित एक वर्चुअल रियलिटी मॉडल की मदद से की गई। इस नई तकनीक की मदद से बालक को हार्ट पंप लगाया गया। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और यूरोप के कई अस्पताल बच्‍चे का इलाज करने से इनकार कर चुके थे जिसके बाद उसे भारत लाया गया था।

एमजीएम हेल्थकेयर (MGM Healthcare) में इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट ऐंड लंग ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ. केके बालकृष्णन (Dr KK Balakrishnan) ने बताया कि भारत में इस तरह की यह पहली सफल इम्‍प्लांट सर्जरी है। बताया जाता है कि अमेरिकन सोसाइटी ऑफ आर्टिफीशियल इंटरनल ऑर्गन्स के सालाना सम्मेलन में सोमवार को यह तकनीक रखी जाएगी। कोरोना संकट को देखते हुए यह सम्मेलन वर्चुअल तरीके से हो रहा है।

बताया जाता है कि अमेरिका में दो बार ऐसी जटिल सर्जरियां की गई हैं। गौर करने वाली बात यह है कि यह सर्जरी ऐसे समय की गई है जब अंतरराष्‍ट्रीय उड़ाने प्रतिबंधित हैं। लॉकडाउन लागू होने से पहले ही उसे एयर एम्बुलेंस से काहिरा से भारत लाया गया था। अब वह लॉकडाउन का बाकी का समय भी भारत में ही बिताएगा। बच्‍चा रेस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी और गंभीर पल्मोरी हाइपरटेंशन (फेफड़ों में भारी दबाव) की खतरनाक बीमारी से पीड़‍ित था।

डॉ. बालकृष्णन की मानें तो भारत पहुंचने के बाद बच्चे की हालत बेहद खराब हो गई जिसके बाद एक मात्र विकल्प सर्जरी ही रह गई थी। डॉ. बालकृष्‍णन ने बताया कि इसके बाद हमने आईआईटी मद्रास के इंजीनियरिंग डिजाइन विभाग से संपर्क साधा और पता लगाया कि क्या बच्चे के सीटी स्कैन से कोई वर्चुअल रियलिटी मॉडल और पंप बनाया जा सकता है ताकि प्रतिरोपण किया जा सके।

वहीं आईआईटी मद्रास के प्रो. कृष्ण कुमार ने बताया कि हमनें एक वर्चुअल मॉडल बनाया और कम्प्यूटर गेम की तरह 3डी ग्लास वाला हैड लगाकर पंप को आभासी तरीके से कई स्थितियों में लगाकर परखा। जब हमें यकीन हो गया कि यह काम करेगा तो प्रतिरोपण किया गया जो सफल रहा। फ‍िलहाल बच्चे की हालत ठीक है और उसका वजन भी बढ़ गया है। यहां तक कि उसने हिंदी फिल्मी गीतों पर नाचना भी शुरू कर दिया है।

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