शैक्षणिक संस्थानों को पेटेंट के लिए अब 80 फीसद कम देनी होगी फीस, केंद्र ने पेटेंट नियमों में किया बदलाव
श में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने की कोशिशों के बीच अब पेटेंट को भी बढ़ावा देने को लेकर अहम कदम उठाया है। जिसके तहत शैक्षणिक संस्थानों की ओर से पेटेंट कराने पर लगने वाले शुल्क को 80 फीसद तक घटाने का फैसला लिया है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने की कोशिशों के बीच अब पेटेंट को भी बढ़ावा देने को लेकर अहम कदम उठाया है। जिसके तहत शैक्षणिक संस्थानों की ओर से पेटेंट कराने पर लगने वाले शुल्क को 80 फीसद तक घटाने का फैसला लिया है। यानी शैक्षणिक संस्थानों को पेटेंट पर अब साढे़ चार लाख की जगह सिर्फ 85 हजार का ही शुल्क चुकाना होगा। शिक्षा मंत्रालय की पहल पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने पेटेंट नियमों में बदलाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।
यह अधिसूचना 21 सितंबर 2021 से प्रभावी मानी जाएगी। माना जा रहा है कि इस पहल से देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में अपने रिसर्च और इनोवेशन से जुड़े कामों को पेटेंट कराने को लेकर दिलचस्पी बढ़ेगी। इस बदलाव का लाभ निजी और सरकारी दोनों शैक्षणिक संस्थानों को मिलेगा। अभी पेटेंट की फीस अधिक होने के चलते ज्यादातर शैक्षणिक संस्थान पेटेंट से कतराते थे या फिर इसे टालते रहते थे।
केंद्र सरकार की इस पहल को इसलिए भी अहम माना जा रहा है कि क्योंकि देश में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) के जरिये वह जल्द ही रिसर्च के लिए एक नया वातावरण तैयार करने में जुटी है। जिसमें अब सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रिसर्च जरूरी होगी। फाउंडेशन इसे लेकर न सिर्फ उच्च संस्थानों को शोध कार्यो से जोड़ेगी, बल्कि उन्हें वित्तीय मदद भी मुहैया कराएगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक पेटेंट की रफ्तार बढ़ने से उच्च शिक्षण संस्थानों की विश्वस्तरीय रैंकिंग में भी सुधार होगा।