केंद्रीय विद्यालय में सांसदों के अलावा बाकी सब कोटा खत्म, शिक्षा मंत्री भी दिला पाएंगे सिर्फ 10 एडमिशन

केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन में सांसदों के अलावा बाकी सब कोटा खत्म करने का फैसला किया है। यानी अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पास भी बतौर सांसद ही 10 कोटा बचेगा उनके मंत्रालय को मिला भारी-भरकम कोटा छीन लिया गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:40 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:26 AM (IST)
केंद्रीय विद्यालय में सांसदों के अलावा बाकी सब कोटा खत्म, शिक्षा मंत्री भी दिला पाएंगे सिर्फ 10 एडमिशन
केंद्रीय विद्यालयों में अब सांसदों के अलवा सभी कोटा खत्म कर दिया गया (फाइल फोटो)

नई दिल्ल, एएनआई। केंद्रीय विद्यालयों में अब सांसदों के 10 कोटे के अलावा किसी नेता या मंत्री की सिफारिश पर बच्चों के एडमिशन नहीं हो पाएंगे। केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा मंत्रालय का कोटा खत्म करने का फैसला किया है। अब सिर्फ सांसदों के पास ही अपने क्षेत्र में 10 एडमिशन कराने का अधिकार बचा है। अब केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन में सांसदों के अलावा बाकी सब कोटा खत्म करने का फैसला किया है। यानी, अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पास भी बतौर सांसद ही 10 कोटा बचेगा, उनके मंत्रालय को मिला भारी-भरकम कोटा छीन लिया गया है।

Education Ministry's discretionary quota for KV admissions scrapped, MPs allowed 10 admissions in academic year

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— ANI Digital (@ani_digital) August 3, 2021

एक सांसद 10 छात्रों के प्रवेश की ही कर सकेंगे सिफारिश

इस फैसले की जानकारी सांसदों को दी जा रही है ताकि वह 10 बच्चों के अलावा और किसी एडमिशन के लिए शिक्षा मंत्रालय में सिफारिश ना भेजें। लोकसभा के सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र में आने वाले केंद्रीय विद्यालयों में अधिकतम 10 बच्चों के एडमिशन की सिफारिश कर सकते हैं। इसी तरह राज्यसभा सांसद अपने राज्य के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में अधिकतम 10 बच्चों का एडमिशन करा सकते हैं। पहले सांसदों का यह कोट छह एडमिशन का ही होता था जिसे 2016-17 में बढ़ाकर 10 कर दिया गया। इस कोटे के अलावा केंद्रीय शिक्षा मत्री 450 एडमिशन की सिफारिश कर सकते थे। ये सिफारिशें भी वही होती थी जो किसी नेता या सांसद के जरिए मंत्रालय तक आती थी।

अब नहीं रहेगा यह कोटा

वैसे यह 450 की लिमिट कभी रही नहीं और हर सत्र में इससे कहीं ज्यादा एडमिशन मंत्रालय की सिफारिश पर केंद्रीय विद्यालयों में होते रहे। 2018-19 में 8 हजार से ज्यादा एडमिशन मंत्रालय की सिफारिश पर किए गए। इन सिफारिशों में ज्यादातर गरीब और जरूरतमंद बच्चे ही शामिल होते थे जिनका केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए स्थानीय नेता या सांसद मंत्रालय में सिफारिश करते थे। अब यह कोटा नहीं रहेगा।

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