शिक्षा मंत्री ने कहा- पुलवामा में बलिदान देने वालों की शौर्य गाथा को पढ़ेंगे राजस्थान के स्कूली बच्चे

पुलवामा आत्मघाती हमले में प्रदेश के पांच जवान शहीद हुए थे। इनमें हेमराज मीणा रोहिताश लांबा जीतराम नारायण गुर्जर और भागीरथ शामिल हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 06:57 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:57 PM (IST)
शिक्षा मंत्री ने कहा- पुलवामा में बलिदान देने वालों की शौर्य गाथा को पढ़ेंगे राजस्थान के स्कूली बच्चे
शिक्षा मंत्री ने कहा- पुलवामा में बलिदान देने वालों की शौर्य गाथा को पढ़ेंगे राजस्थान के स्कूली बच्चे

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार लगातार स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव कर रही है। कोरोना महामारी का पाठ स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लेने के बाद अब सरकार ने प्रदेश के शहीदों का गाथा स्कूली बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया है । इसमें आजादी के आंदोलन से लेकर 2019 तक के शहीद हुए प्रदेश के प्रमुख वीरों का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसमें पुलवामा में शहीद हुए प्रदेश के पांच शहीदों की गाथा को भी शामिल किया जाएगा।

देश के लिए बलिदान देने वाले प्रदेश के जाबांजों की जीवनी पढ़ाने वाला राजस्थान पहला राज्य 

प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि 9वीं कक्षा की 'स्वतंत्रता आंदोलन एवं शौर्य गाथा परंपरा' पुस्तक में शहीदों के पाठ को शामिल किया गया है। देश के लिए बलिदान देने वाले प्रदेश के जाबांजों की जीवनी विद्यार्थियों को पढ़ाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।

 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंखों में भर लो पानी..' भी पाठ्यक्रम में शामिल

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम में इस तरह के तथ्य जोड़े जा रहे हैं, जो भावी पीढ़ी को देश की सेवा के लिए प्रेरित करें। इसी के तहत पहली बार पुस्तक में प्रदेश के 24 से अधिक शहीदों के पाठ शामिल किया गया हैं। इनमें पुलवामा के शहीदों की शौर्य गाथा भी है। शहीदों को समर्पित कवि प्रदीप का देशभक्ति से ओतप्रोत गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंखों में भर लो पानी..' को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

पुलवामा में प्रदेश के इन सुपूतों ने दी थी शहादत 

डोटासरा का कहना है कि पुलवामा आत्मघाती हमले में प्रदेश के पांच जवान शहीद हुए थे। इनमें हेमराज मीणा, रोहिताश लांबा, जीतराम, नारायण गुर्जर और भागीरथ शामिल हैं। इनके अलावा अब तक देश के लिए शहीद हुए प्रदेश के परमवीर चक्र विजेता मेजर पीरू सिंह, मेजर शैतान सिंह, चुनाराम फगेडिया के बारे में भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा । पुस्तक में प्रदेश के प्रमुख पदक विजेताओं के अध्याय को भी शामिल किया गया है।

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