ईडी ने जब्त कीं वधावन बंधुओं की ब्रिटेन में 578 करोड़ की संपत्तियां, गैरकानूनी निवेश से जुड़ा है मामला

ईडी ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटरों कपिल वधावन और उसके भाई धीरज वधावन के स्वामित्व वाली ब्रिटेन स्थित कंपनी की 578 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली हैं।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:30 PM (IST)
ईडी ने जब्त कीं वधावन बंधुओं की ब्रिटेन में 578 करोड़ की संपत्तियां, गैरकानूनी निवेश से जुड़ा है मामला
ईडी ने जब्त कीं वधावन बंधुओं की ब्रिटेन में 578 करोड़ की संपत्तियां।

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बताया कि उसने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटरों कपिल वधावन और उसके भाई धीरज वधावन के स्वामित्व वाली ब्रिटेन स्थित कंपनी की 578 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली हैं।

ईडी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जब्त की गईं संपत्तियां वधावन बंधुओं द्वारा ब्रिटेन स्थित कंपनियों में डब्ल्यूजीसी-यूके के जरिये किए गए निवेश के रूप में हैं। वर्तमान में वधावन बंधु यस बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लांड्रिंग केस के सिलसिले में जेल में बंद हैं। वधावन बंधुओं के खिलाफ ईडी का ताजा मामला लखनऊ पुलिस द्वारा यूपीपीसीएल के कुछ अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआइआर पर आधारित है।

इसके मुताबिक यूपीपीसीएल के अधिकारियों ने सरकारी अधिसूचना और निर्देशों का उल्लंघन कर पावर कंपनी के कर्मचारियों के जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) और सेंट्रल प्रोविडेंट फंड (सीपीएफ) का डीएचएफएल में गैरकानूनी निवेश किया था। ईडी का दावा है कि डीएचएफएल ने यूपीपीसीएल के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके यूपीपीसीएल के कर्मचारियों के जीपीएफ और सीपीएफ के 4,122.70 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपाजिट के रूप में प्राप्त किए थे। इसमें से यूपीपीसीएल की 2,267.90 करोड़ रुपये की मूल राशि अभी भी डीएचएफएल पर बकाया है।

जांच एजेंसी का आरोप है कि डीएचएफएल ने उक्त गैरकानूनी निवेश उस वक्त हासिल किया था जब कंपनी अपने प्रमोटरों से जुड़ी कंपनियों को बड़े-बड़े ऋण दे रही थी। इन सभी असुरक्षित कर्जो को डीएचएफएल के चेयरमैन कपिल वधावन के निर्देश पर मंजूर किया गया था। इनमें से कई कर्ज बाद में गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) में तब्दील हो गए। कई कर्जो का उन कामों में इस्तेमाल नहीं किया गया जिनके लिए इन्हें मंजूर किया गया था और इनका गबन कर लिया गया। इससे पहले यस बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में ईडी वधावन बंधुओं की 1,412 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर चुकी है।

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