Bengaluru Ponzi Scam: ED ने जब्त किए 10 करोड़, जानें मामला

पोंजी स्कैम (Ponzi scam case) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बेंगलुरू से 10 करोड़ रुपये जब्त किए हैं।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 03:22 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 08:14 PM (IST)
Bengaluru Ponzi Scam: ED ने जब्त किए 10 करोड़, जानें मामला
Bengaluru Ponzi Scam: ED ने जब्त किए 10 करोड़, जानें मामला

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस्लामिक बैंकिंग या हलाल इनवेस्टमेंट पोंजी स्कीम घोटाले में बेंगलुरु स्थित एक कंपनी की 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां जब्त की हैं। ईडी ने शुक्रवार को बताया कि यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की गई।ईडी के बयान के अनुसार, एंबिडैंट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रवर्तकों ने हज व उमरा योजना के तहत इस्लामिक बैंकिंग व हलाल इनवेस्टमेंट के नाम पर लोगों से पैसे इकट्ठा किए।

जानें क्या है मामला

ईडी ने जारी अपने एक बायन में कहा था कि इस कंपनी के मालिक ने जनता को हलाला योजनाओं के नाम पर ठगी की। इसके तहत जनता से निवेश करने के बदले में 15 प्रतिशत ज्यादा पैसे ज्यादा देने का वादा किया। ईडी ने बताया कि यह यह कंपनी वैध नही है। इसके अलावा ये कंपनी सेबी और आरबीआई से रजिस्टर नहीं है। ईडी ने बताया कि कंपनी ने जनता के बीच अपने निवेशों को ज्यादा पैसा देने के बहाने अपने झांसे में लिया। कंपनी अपनी योजना में सफल रही और जनता का विश्वास जीतने के बाद उनके साथ ठगी की। कपंनी ने किसी के भी धन को वापस नहीं दिया। 

साल 2018 फरवरी महीने में ईडी ने इस कंपनी के खिलाफ जांच की और बेंगलुरू से सभी जमीन जब्त कर ली गई है। इस जमीन की कीमत 8 करोड़ के पास बताई गई। अभी तक धन शोधन मामले में 10 करोड़ तक जब्त कर चुकी है। कुछ दिनों पहले ईडी ने इस कंपनी के मॉनिटरी एडवाइजर ग्रुप पर शिंकजा कंसा था। इसके संस्थापक मोहम्द मंसूर खान की 209 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। धन शोधन के खिलाफ मंसूर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 40 हजार निवेशकों को हड़पने के बाद उनके विदेश भागने का मामला भी सामने आया है।

बैंक कर्ज धोखाधड़ी में राजस्थान की कंपनी की 20 करोड़ की संपत्तियां जब्त

बैंक कर्ज धोखाधड़ी में ईडी ने राजस्थान की एक कंपनी की 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां जब्त की हैं। केंद्रीय एजेंसी ने एम्गी केबल्स एंड कम्युनिकेशन और इसके निदेशकों श्रीपाल चौधरी, अनुराधा चौधरी, अभिनव चौधरी व अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। ईडी ने एक बयान में बताया कि कंपनी ने श्रीपाल चौधरी की मुखौटा कंपनियों रिलायंस इंटरनेशनल, न्यू जेनरेशन आइएनसी व कंडोई मेटल पाउडर से फर्जी खरीद-बिक्री दिखाई। 90 फीसद माल के परिवहन के लिए एक ही वाहन का इस्तेमाल किया गया, जिसे एक ही समय में अलग-अलग लोकेशन पर उपलब्ध दिखाया गया। इस प्रकार उन्होंने देना बैंक व अन्य के साथ धोखाधड़ी की। कंपनी की जब्त संपत्तियों में दो आवास, एक फैक्ट्री, पांच ऑफिस, दो प्लॉट, कृषि भूमि और जयपुर स्थित जीआइटी कॉलेज का छात्रावास शामिल है। इन अचल संपत्तियों की कीमत लगभग 18.93 करोड़ है। करीब 1.42 करोड़ की चल संपत्तियों में बैंक बैलेंस, प्लांट, मशीनरी और तीन कारें शामिल हैं।

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