सिंधु जल समझौते की बैठक वाघा में करने पर अड़ा पाकिस्तान, भारत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कहा

बीते सप्ताह भारत के सिंधु आयुक्त ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को पत्र लिखकर बताया कि वायरस संक्रमण के दौर में वाघा में बैठक करना संभव नहीं होगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 06:47 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 07:34 PM (IST)
सिंधु जल समझौते की बैठक वाघा में करने पर अड़ा पाकिस्तान, भारत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कहा
सिंधु जल समझौते की बैठक वाघा में करने पर अड़ा पाकिस्तान, भारत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कहा

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भारत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सिंधु नदी जल समझौते के संबंध में बैठक करना चाहता है लेकिन पाकिस्तान आमने-सामने की बैठक पर अड़ गया है। पाकिस्तान चाहता है कि दोनों देशों की सीमा पर स्थित वाघा (अटारी) चेकपोस्ट पर यह बैठक हो।

बीते सप्ताह भारत के सिंधु आयुक्त ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को पत्र लिखकर बताया कि वायरस संक्रमण के दौर में वाघा में बैठक करना संभव नहीं होगा। पाकिस्तान के अनुरोध पर समझौते से जुड़े बिंदुओं पर मार्च के अंतिम सप्ताह में बैठक होनी थी लेकिन कोरोना संक्रमण के जोर पकड़ लेने से वह बैठक नहीं हो पाई थी। अब जबकि गतिविधियां शुरू हो गई हैं, तब भारतीय अधिकारी संक्रमण से बचाव करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वार्ता कर लेना चाहते हैं लेकिन पाकिस्तानी अधिकारी तैयार नहीं हैं।

बाकी देशों के कामकाज को भी भारत वर्चुअल मीटिंग के जरिए बढ़ा रहा आगे

पाकिस्तानी अधिकारियों को बताया गया है कि भारत और दुनिया के बाकी देशों में वर्चुअल मीटिंग के जरिये कामकाज आगे बढ़ाया जा रहा है। इसलिए दोनों देशों के अधिकारी भी बातचीत के लिए इस माध्यम का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर इसके इच्छुक न हों तो फिर हालात सामान्य होने का इंतजार करना होगा, तब वाघा या नई दिल्ली में बैठक हो जाएगी।

दोनों देशों के बीच 1960 में हुए थे हस्ताक्षर

गौरतलब है कि सिंधु जल संधि के तहत गठित स्थायी सिंधु आयोग पर 1960 में दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए थे। यह संधि दोनों आयुक्तों के हर साल कम से कम एक बार मिलने का प्रावधान करती है। यह बैठक दोनों देशों में क्रमवार रूप से होंगी। संधि के मुताबिक रावी, व्यास और सतलुज का जल विशेष रूप से भारत के लिये होगा जबकि सिंधु, चेनाब और झेलम नदियों के जल के उपयोग का अधिकार पाकिस्तान के पास होगा। उसे कृषि, नौवहन, घरेलू उपयोग और पनबिजली परियोजनाएं विकसित करने पर निर्बाध अधिकार दिये गए हैं। 

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