DRDO ने किया जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण, नौसेना के युद्धपोतों पर होगी तैनात

भारतीय नौसेना व डीआरडीओ ने मिलकर कम दूरी की मारक क्षमता वाले मिसाइल को तैयार किया है। मंगलवार को DRDO व नौसेना के अधिकारी भी इस परीक्षण के दौरान मौजूद रहे। इसी साल 22 फरवरी को इसका पहला परीक्षण किया गया था।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 02:00 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 07:28 AM (IST)
DRDO ने किया जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण, नौसेना के युद्धपोतों पर होगी तैनात
जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण, नौसेना के युद्धपोतों पर होगी तैनात

 नई दिल्ली, एएनआइ। भारत ने मंगलवार को छोटी दूरी वाले एक मिसाइल का सफल परीक्षण किया जो जमीन से हवा में मार कर सकती है। रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के तट से कुछ दूर चांदीपुर में किया गया। इस बारे में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल को वर्टिकल लांचर से कम दूरी की सतह से लांच किया गया।

Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile launched to validate integrated operation of weapon system components including the vertical launcher with controller, canisterised flight vehicle and weapon control system. https://t.co/eAuE30IHhd pic.twitter.com/P8DvwEWWAl

— DRDO (@DRDO_India) December 7, 2021

मंत्रालय की ओर से यह भी बताया गया कि उम्मीद के अनुसार ही मिसाइल का प्रदर्शन रहा। भारतीय नौसेना ने इसे तैयार किया है। मंगलवार को DRDO व नौसेना के अधिकारी भी इस परीक्षण के दौरान मौजूद रहे। इसी साल 22 फरवरी को इसका पहला परीक्षण किया गया था।

मंत्रालय ने कहा, ‘बेहद कम ऊंचाई वाले एक इलेक्ट्रॉनिक निशाने के खिलाफ मिसाइल को वर्टिकल लांचर से दागा गया। मिसाइल की उड़ान, उसके पथ और अन्य आंकड़ों, मानदंडों को रिकॉर्ड किया गया।’ मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल की प्रणाली ने आशा के अनुरुप काम किया। इस परीक्षण (Missile Testing) को देखने के लिए DRDO और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी चांदीपुर में मौजूद रहे।

इस मिसाइल की रेंज 50 से 60 किलोमीटर है और ये जमीन से ही हवा में मार कर सकती है। दूसरे शब्दों में हवा से आने वाले खतरे को इस मिसाइल के जरिए हवा में ही नष्ट किया जा सकता है। इस मिसाइल को नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा ।   

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण पर DRDO, नेवी और प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोगों और संगठनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल प्रणाली हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना की क्षमता को और मजबूत बनाएगी। डीआरडीओ के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने भी परीक्षण में शामिल वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई दी।

chat bot
आपका साथी