Vaccination in India: रूसी वैक्सीन पर भारत का बड़ा बयान, स्पुतनिक के सिंगल डोज की क्षमता सही तो देश में ट्रायल जरूरी नहीं
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि स्पुतनिक-लाइट के डाटा को देखना होगा। कंपनी की ओर से इसके डाटा मुहैया कराने के बाद उस पर विचार होगा। यदि डाटा सही पाया गया तो स्पुतनिक-लाइट को भारत में भी मंजूरी दी जा सकती है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। रूस की सिंगल डोज वाले स्पुतनिक वैक्सीन का भारत को इंतजार है। स्पुतनिक-लाइट से लांच की गई इस वैक्सीन को गुरुवार को रूस ने इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। नीति आयोग के सदस्य और वैक्सीन पर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समूह के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा कि स्पुतनिक लाइट के सक्सेस रेट का डाटा मिलने के बाद ही इस पर कोई फैसला हो सकता है।
स्पुतनिक-वी के ही पहले डोज वाले वैक्सीन को स्पुतनिक-लाइट के नाम से किया लांच
डॉ. वीके पॉल के अनुसार स्पुतनिक-लाइट वैक्सीन असल में स्पुतनिक-वी वैक्सीन का पहला डोज ही है। ध्यान रहे कि स्पुतनिक-वी में दो अलग-अलग वैक्सीन तीन हफ्ते के अंतराल के बाद दिए जाते हैं। अब इसे बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि स्पुतनिक-वी का पहला डोज भी कोरोना संक्रमण से बचाने में कारगर है और इसे ही स्पुतनिक-लाइट के रूप में लांच किया गया है।
डॉ. वीके पॉल ने कहा-डाटा देखने के बाद होगा फैसला, वैक्सीनेशन में आएगी तेजी
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि स्पुतनिक-लाइट के डाटा को देखना होगा। कंपनी की ओर से इसके डाटा मुहैया कराने के बाद उस पर विचार होगा। यदि डाटा सही पाया गया, तो स्पुतनिक-लाइट को भारत में भी मंजूरी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि ¨सगल डोज वैक्सीन होने के कारण स्पुतनिक-लाइट कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम साबित हो सकती है। इससे बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण करना आसान होगा। इसके पहले सिर्फ जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना के खिलाफ ¨सगल डोज वैक्सीन लांच की है। स्पुतनिक-लाइट वैक्सीन के सिंगल डोज की कीमत भी 10 अमेरिकी डॉलर रखी गई है। जबकि स्पुतनिक-वी के दोनों डोज की कीमत 20 अमेरिकी डॉलर है।
जून के अंत या जुलाई के शुरू में स्पुतनिक का भारत में उत्पादन
सबसे बड़ी बात यह है कि स्पुतनिक-लाइट की कारगरता के डाटा सही पाए जाते हैं तो भारत में नए सिरे से इसके ट्रायल की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन के दोनों डोज के फेज-दो और तीन का ट्रायल पहले ही हो चुका है और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति भी दे चुका है। इसके साथ ही भारत में छह कंपनियों के साथ हर साल 85 करोड़ डोज उत्पादन करने के लिए समझौता भी हो चुका है। माना जा रहा है कि भारतीय कंपनियां जून के अंत या जुलाई के शुरू में इसका उत्पादन भी शुरू कर देंगी। जाहिर है वही कंपनियां अब स्पुतनिक-लाइट का भी उत्पादन कर सकेंगी। इससे स्पुतनिक-वी की तुलना में दोगुनी संख्या में लोगों का टीकाकरण किया जा सकेगा।