डॉ. हर्षवर्धन ने की कोविड की स्थिति को लेकर कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से बातचीत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को कोविड की स्थिति पर कर्नाटक महाराष्ट्र केरल तमिलनाडु राजस्थान और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 06:59 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 07:13 PM (IST)
डॉ. हर्षवर्धन ने की कोविड की स्थिति को लेकर कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से बातचीत
कोविड की स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन

 नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को कोविड की स्थिति पर कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, राजस्थान और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। हम 27 अप्रैल से गिरावट का रुख देख रहे हैं, लेकिन फिर भी राज्य में प्रतिदिन लगभग 50,000 नए मामलों की रिपोर्ट कर रहा है। 8 मई से राजस्थान सक्रिय मामलों में वृद्धि दिखा रहा है। दैनिक मौतों की संख्या 150 से अधिक हो गई है। केरल के सभी जिलों में 15 अप्रैल से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। दैनिक नई मौतों में वृद्धि हुई है। मार्च 2021 से कर्नाटक में रोज नए मामलों में तेजी दिखाई दे रही है, बेंगलुरु सबसे ज्यादा प्रभावित है। 

Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan today held a meeting via video conferencing with health ministers of Karnataka, Maharashtra, Kerala, Tamil Nadu, Rajasthan, and Delhi on the #COVID19 situation pic.twitter.com/fhDvzspt7i— ANI (@ANI) May 13, 2021

राज्यों को केंद्र से मिलने वाली 70 फीसद वैक्सीन दूसरी डोज में इस्तेमाल करने की सलाह

टीकाकरण में पीछे छूट रहे आठ राज्यों के साथ बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि मई में देश में कुल आठ करोड़ टीके उपलब्ध हो पाएंगे, जो जून में बढ़कर नौ करोड़ हो जाएंगे। इनमें 50 फीसद केंद्र को और 50 फीसद राज्य सरकारों व निजी क्षेत्र को सप्लाई किए जाएंगे।

वैक्सीन की किल्लत को देखते हुए हर्षवर्धन ने राज्यों को केंद्र से मिलने वाली 70 फीसद वैक्सीन दूसरी डोज में इस्तेमाल करने की सलाह दी। उनका कहना था कि प्राथमिकता समूह वाले हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स पर अत्यधिक खतरे और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों में अत्याधिक मृत्युदर को देखते हुए यह करना जरूरी है। बैठक में जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना के प्रतिनिधि शामिल थे।

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