पीने के पानी से कहीं आपको पड़ न जाएं लेने के देने, इसलिए रहें सावधान!

गंदा पानी पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। दूषित पानी से नहाने से ही कई बीमारियां हो जाती हैं। जैसे त्वचा रोग, खुजली, दाद आदि।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 01:27 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 11:03 PM (IST)
पीने के पानी से कहीं आपको पड़ न जाएं लेने के देने, इसलिए रहें सावधान!
पीने के पानी से कहीं आपको पड़ न जाएं लेने के देने, इसलिए रहें सावधान!

अलीगढ़ (जेएनएन) । शरीर के लिए पानी बहुत जरूरी है। डॉक्टरों का कहना है भाग दौड़ भरे जीवन में नियमित स्वच्छ पानी पिया जाए। सेहत को लेकर सावधानी की बहुत जरूरत है। आपकी जरा सी लापरवाही सेहत के लिए भारी पड़ सकती है। खान -पानी को लेकर और अधिक सचेत रहना चाहिए। दूषित पानी पीना किसी खतरे को आमंत्रण देने के बराबर है। इससे कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। कई बार तो हालत गंभीर होेने पर जान को खतरा हो जाता है। दूषित पानी में छोटे-छोटे जीवाणुओं होते हैं, जिनसे बीमारी शरीर में प्रवेश करती है। गंदा पानी पीने से  बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। दूषित पानी से नहाने से ही कई बीमारियां हो जाती हैं। जैसे त्वचा रोग, खुजली, दाद आदि। अलीगढ़ शहर के कई इलाकों में दूषित पानी से कई लोग बीमार हैं।  कहीं आपके यहां एेसा न हो जाए। इसलिए बहुत सचेत रहने की जरूरत है।

सेहत के लिए बहुत जरूरी है पानी

'रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सुन' मतलब साफ है। पानी बिना कुछ नहीं। सेहत के लिए पानी जरूरी है। बिना पानी जीवन की कल्पना असंभव है। चिकित्सकों की मानें तो एक दिन में कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीना चाहिए। यह मात्रा बढ़ाई भी जा सकती है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर में रहने वाले जहरीले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। चुस्ती और ऊर्जा भी बनी रहती है।

दूषित पानी से ये होती हैं बीमारियां

पीलिया –दूषित  पानी पीने से पीलिया रोग भी हो सकता है। यह रोग किसी को भी हो सकता है। चाहे वह बच्चा हो या बड़ा। इस रोग से नाखून, आंख, चेहरा पीला पड़ जाता है। भूख खथ्म होने लगती है और सर दर्द व कमजोरी बढ़ती है।

पेचिश-दूषित पानी से  पेट से  संबंधित भी कई बीमारी हो जाती है। पेट में एेंठन, पेचिश, पेट  में  दर्द आदि। एेसे रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसे देखते हुए लगातार नींबू, नमक और चीनी वाला पानी पिलाएं। ओआरएस का घोल देना उपयोगी रहता है। 

नेत्र रोग – दूषित पानी आंखों को भी नुकसान पहुंचाता है। जैसे आंख से पानी आना, आंख लाल हो जाना, सूज जाना, जलन होना, कीीचड़ आना आदि। कभी -कभी कंजेक्टीबाइटिक जैसी आंख की बीमारी भी हो जाती है जो एक दूसरे से फैलती है।

गले की बीमारी - दूषित पानी पीने के कारण गले में भी तकलीफ होने लगती है। गले में अंदर सूजन आना, गिल्टियां होना व आवाज भारी होने का कारण भी दूषित पानी भी बनता है। इसके  अलावा हाथ पांव  में भी सूजन आ  जाती है।

टाइफाइड़-दूषित पानी से यह रोग होता है। इसमें तेज बुखार रहता है जो कि तीन चार दिन तक रह सकता है। बुखार के चलते कमजोरी महसूस होने लगती है। 


एेसे दूषित पानी को कर सकते हैं शुद्ध
-पानी को उबालकर शुद्ध किया जा सकता है। कोशिश हो कि पानी उबालकर ही पीया जाए।
-.घर में फिटकरी तो होती ही है। यह आपके काम की है। पीने के पानी में फिटकरी का टुकड़ा कुछ देर डाल दें। फिर फिटकरी को निकालकर पानी को हिला दें। कुछ ही पल में पानी में मौजूद गंदगी नीचे बैठ जाएगी और फिर मोटे कपड़े से पानी छान लें।
-दूषित पानी में तुलसी के पत्तों को डालकर रखें। तुलसी के पत्ते में कीटाणू नष्ट करने की क्षमता होती है।

अलीगढ़ के कई इलाकों में पीना तो दूर, कपड़े धोने लायक भी नहीं है पानी

अलीगढ़ शहर के सबसे व्यस्तम बाजार महावीर गंज व छिपैटी में नगर निगम की वाटर लाइन से गंदा पानी आ रहा है। यह पीना तो दूर कपड़े धोने लायक भी नहीं हैं। करीब 250 परिवार बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। बदबूदार वाटर सप्लाई की शिकायत के बाद भी जलकल विभाग हल नहीं खोज पाया। लोगों में गुस्सा बढ़ा तो दोनों बाजारों के बीच एक सबमर्सिबल लगवा दिया गया। पार्षद ने नई वाटर लाइन सप्लाई का भरोसा दिया है।

कई बार कर चुके हैं शिकायत

छिपैटी के किंसू पंडित ने बताया कि डेढ़ माह से दूषित पानी आ रहा है। कई बार पार्षद व अफसरों से शिकायत की। आज तक हल नहीं निकला।चंद्रप्रकाश ठाकुरने बताया कि समबर्सिबल पर भीड़ रहने से जल्द उठकर पानी की व्यवस्था में जुटना पड़ता है। लाइन ठीक किया जाए। महावीर गंज के कपिल अग्रवाल ने बताया कि गंदा पानी आने से दिनचर्या बिगड़ जाती है। बच्चे पानी को हाथ नहीं लगाते। पीने के लिए पानी की कैन मंगाते हैं।

यह भी है दिक्कत
सहायक अभियंता एके कन्नौजिया का कहना है कि  लाइन चेक कराने का प्रयास किया था, लोग गड्ढा खोदने का विरोध करते हैं। अधिकारियों को बता दिया है। क्षेत्र के पाषर्द हेमंत गुप्ता ने बताया कि वाटर लाइन जोडऩे के दौरान वाल्व नहीं लगाए गए हैैं। मोटर से पानी खींचा जाता है, तब मिट्टी के कण आते हैं।

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