Covid-19: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सामूहिक प्रतिरक्षा विकसित करना जोखिम भरा काम

भारत में भी लगता है कि कोविड-19 का कुछ और चरण आ सकता है। लोगों को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 06:24 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 06:24 PM (IST)
Covid-19: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सामूहिक प्रतिरक्षा विकसित करना जोखिम भरा काम
Covid-19: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सामूहिक प्रतिरक्षा विकसित करना जोखिम भरा काम

नई दिल्ली, प्रेट्र। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के महानिदेशक शेखर मंडे ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सामूहिक प्रतिरक्षा विकसित करना किसी राष्ट्र के लिए जोखिम का काम है। केवल समय पर हस्तक्षेप ही इसके प्रसार को कम कर सकता है। सामूहिक प्रतिरक्षा की स्थिति तब होती है, जब अधिकतर लोग संक्रामक बीमारी होने के बाद उससे उबर जाते हैं या टीकाकरण के द्वारा उन्हें प्रतिरक्षित कर दिया जाता है। जब ऐसा होता है, तो बीमारी उन लोगों में फैलने की आशंका कम होती है, जो प्रतिरक्षा नहीं कर रहे हैं, क्योंकि रोग फैलाने वाले वाहकों की संख्या पर्याप्त नहीं होती है।

सामूहिक प्रतिरक्षा किसी भी देश के लिए बहुत बड़ा जोखिम है: सीएसआइआर

एक सवाल के जवाब में कि क्या भारत के लिए सामूहिक प्रतिरक्षा की रणनीति व्यावहारिक है, मंडे ने कहा कि यह किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा जोखिम है। सामूहिक प्रतिरक्षा आम तौर पर तब काम करती है, जब किसी देश की 60-70 फीसद आबादी प्रभावित हुई हो और किसी भी देश के लिए यह बहुत बड़ा जोखिम है। इससे पहले कि संक्रमण इस स्तर तक फैले, हस्तक्षेप करना जरूरी हो जाता है।

मंडे ने कहा- भारत में कोविड-19 का कुछ और चरण आ सकता है, तैयार रहने की जरूरत है

मंडे ने कहा कि कई सैद्धांतिक मॉडल हैं, जिन्हें दुनियाभर में आजमाया गया है। भारत में भी लगता है कि कोविड-19 का कुछ और चरण आ सकता है। लोगों को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है।

मंडे ने कहा- डब्ल्यूएचओ और चीन पर ट्रंप का बयान अच्छा संकेत नहीं है

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ अपने देश के संबंधों को समाप्त कर दिया है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ और चीन को दुनियाभर में कोविड-19 महामारी के कारण हुई मौतों और विनाश के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस पर मंडे ने कहा कि यह अच्छा संकेत नहीं है। डब्ल्यूएचओ एक अहम निकाय है, जिसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह चेचक उन्मूलन, पोलियो वायरस उन्मूलन में शामिल रहा है और इसने देशों के साथ बहुत अच्छा काम किया है।

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