भारतीय सेना को मिलेंगे 118 अर्जुन टैंक, रक्षा मंत्रालय ने दिया आर्डर, 7523 करोड़ रुपये आएगी लागत

रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय सेना के लिए 7523 करोड़ रुपये की लागत से 118 मेन बैटल टैंक (MBT) अर्जुन टैंक एमके 1ए की आपूर्ति के लिए आर्डर दिया है। यह सेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम है।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:38 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:00 PM (IST)
भारतीय सेना को मिलेंगे 118 अर्जुन टैंक, रक्षा मंत्रालय ने दिया आर्डर, 7523 करोड़ रुपये आएगी लागत
भारतीय सेना को मिलेंगे 118 अर्जुन टैंक। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआइ। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय सेना के लिए 7523 करोड़ रुपये की लागत से 118 मेन बैटल टैंक (MBT) अर्जुन टैंक एमके 1ए की आपूर्ति के लिए आर्डर दिया है। यह सेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम है। रक्षा मंत्रालय ने अर्जुन एमके-1ए टैंकों के लिए चेन्नई के हेवी व्हीकल फैक्ट्री (HVF) को आर्डर दिया। एमबीटी एमके-1ए अर्जुन टैंक का एक नया वैरिएंट है। ये टैंक नए वर्जन हैं, जो 72 आधुनिक तकनीक से लैस हैं। इनकी फायर पावर बढ़ाई गई है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्रालय (MoD) ने 23 सितंबर को भारतीय सेना के लिए 118  मेन बैटल टैंक (MBT) अर्जुन एमके-1ए की आपूर्ति के लिए चेन्नई के हेवी व्हीकल फैक्ट्री (HVF) को आदेश दिया है। 7,523 करोड़ रुपये का यह आर्डर रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' पहल को और बढ़ावा देगा और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम है।मंत्रालय ने कहा कि टैंक दिन हो या रात किसी भी समय सटीक निशाना साधने के अलावा किसी भी इलाके में सहज गतिशीलता सुनिश्चित करेंगे। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डिजाइन और विकसित किया है।

मंत्रालय ने कहा कि हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री को दिया गया उत्पादन आदेश एमएसएमई सहित 200 से अधिक भारतीय विक्रेताओं के लिए रक्षा निर्माण में एक बड़ा अवसर खोलेगा, जिसमें लगभग 8,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर होंगे। यह अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक प्रमुख परियोजना होगी। एमबीटी अर्जुन एमके-1ए को दो साल (2010-12) के भीतर डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ कांबेट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (CVRDE) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। 

मंत्रालय ने कहा कि इस विकास गतिविधियां जून 2010 से शुरू हुईं और टैंक को जून 2012 में उपयोगकर्ता परीक्षणों के लिए मैदान में उतारा गया। उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार परीक्षणों के लिए एमबीटी अर्जुन एमके -1 ए को विकसित करने और क्षेत्र में लाने में केवल दो साल लगे।

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