New Fighter Jet for IAF: चीनी चुनौती के बीच तेज हुई भारत की सैन्य तैयारी, रूस से खरीदे जाएंगे 33 नए फाइटर प्लेन

New Fighter Jet for Indian Air Force चीन के साथ तनातनी के परिप्रेक्ष्य का जिक्र किए बिना रक्षा मंत्रालय ने रक्षा खरीद के इस फैसले को सही ठहराया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 04:22 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 01:38 AM (IST)
New Fighter Jet for IAF: चीनी चुनौती के बीच तेज हुई भारत की सैन्य तैयारी, रूस से खरीदे जाएंगे 33 नए फाइटर प्लेन
New Fighter Jet for IAF: चीनी चुनौती के बीच तेज हुई भारत की सैन्य तैयारी, रूस से खरीदे जाएंगे 33 नए फाइटर प्लेन

संजय मिश्र, नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण (LAC) रेखा पर चीन के साथ जारी तनाव और सामरिक चुनौती की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने तीनों सेनाओं की सैन्य ताकत में बड़ा इजाफा करने का फैसला किया है। इसके तहत वायुसेना के लिए 33 लड़ाकू विमानों के साथ सेना और नौसेना के लिए लंबी दूरी की क्रूज और अस्त्र मिसाइलें खरीदने का निर्णय लिया गया है। लड़ाकू जेट विमानों में मिग-29 और सुखोई-30 के बेड़े में इजाफा किया जाएगा। भारतीय सेनाओं के लिए राफेल रक्षा सौदे के बाद 38,900 करोड रुपये की यह सबसे बड़ी रक्षा खरीद है।

चीन के साथ पूर्वी सीमा पर जारी तनाव के बीच पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की शुरू हुई खुराफात की दोहरी सामरिक चुनौती को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरूवार को रक्षा खरीद परिषद (DAC) की हुई बैठक में इन खरीदों की मंजूरी दी गई।

HAL से खरीदें जाएंगे 12 सुखोई लड़ाकू फाइटर जेट

भारतीय वायुसेना के बेड़े की संख्या बढ़ाते हुए इसकी ताकत में इजाफा करने के लिए 12 सुखोई लड़ाकू फाइटर जेट हिन्दुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड से खरीदा जाएगा। रूस के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समझौते के तहत एचएएल देश में ही सुखोई-30 का निर्माण करता है और मौजूदा समय में यह भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान है। 12 सुखोई विमानों की खरीद पर 10,730 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रॉफेल ही सुखोई से अगले जेनरेशन का फाइटर जेट होगा। जबकि 21 मिग-29 लड़ाकू विमान रुस से तत्काल खरीदा जाएगा।

इतना ही नहीं पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चो पर जंग की चुनौती (टू फ्रंट वार) को देखते हुए डीएसी ने वायुसेना के मिग-29 विमानों के मौजूदा बेडे़ के 59 लड़ाकू विमानों को आधुनिकीकरण के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है। डीएससी रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद सौदों को मंजूरी देने वाली सर्वोच्च इकाई है। नये लड़ाकू जेट की खरीद और मिग-29 के आधुनिकीकरण के साथ फ्रांस से आने वाले राफेल फाइटर जेट वायुसेना की मारक क्षमता को नई छलांग देंगे। 21 नये मिग-29 की खरीद और 59 के आधुनिकीकरण पर 7,418 करोड रुपये खर्च होंगे।

चीन के साथ तनातनी के परिप्रेक्ष्य का जिक्र किए बिना रक्षा मंत्रालय ने रक्षा खरीद के इस फैसले को सही ठहराया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुए अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए सेनाओं को मजबूत करने की जरूरत है। पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी के खूनी संघर्ष के बाद एलएसी पर भारत और चीन के बीच न केवल तनाव गहरा हो गया है बल्कि सीमाओं पर दोनों देशों ने अपनी सैन्य मोर्चेबंदी में भी भारी इजाफा किया है।

रेडियो सॉफ्टवेयर को भी बनाया जाएगा उन्नत

लड़ाकू विमानों के अलावा रक्षा मंत्रालय ने इन रक्षा खरीदों में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूत करने का ख्याल भी रखा है। इसीलिए डीआरडीओ के जरिये टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत सेना के लिए मल्टी बैरल रॉकेट लांचर पिनाक की खरीद को भी डीएसी ने मंजूरी दी है। साथ ही इस फैसले के तहत बीएमपी इनफैंट्री व्हिकल अपग्रेड के अलावा सेना के रेडियो सॉफ्टवेयर को भी उन्नत बनाया जाएगा।

तीनों सेनाओं की युद्धक और मारक क्षमता में इजाफे के लिए डीएसी ने इनकी मिसाइलों के जखीरे में भी बढोतरी का फैसला हुआ है। सेना के मल्टी बैरल रॉकेट लांचर के साथ नौसेना और वायुसेना के लिए लंबी दूरी की लैंड अटैक क्रूज मिसाइल सिस्टम और अस्त्र मिसाइलों की खरीद की जाएगी। इन सभी हथियारों व उपकरणों की खरीद और आधुनिकीकरण पर करीब 20,400 रुपये खर्च होंगे। इन मिसाइलों और मिसाइल प्रणालियों की खरीद से तीनों सेनाओं की जंग क्षमता में जबरदस्त इजाफा करेगी। नये पिनाक मिसाइल सिस्टम की खरीद के जरिये इस मिसाइल का एक अतिरिक्त बेड़ा भारतीय सेनाओं के पास हो जाएगा।

लंबी दूरी के लैंड अटैक मिसाइल सिस्टम के सहारे 1000 किलोमीटर तक दुश्मन के ठिकानों पर प्रहार किया जा सकेगा। इससे नौसेना और वायुसेना की मारक क्षमता में खास बढ़ोतरी होगी। जबकि अस्त्र जो (बिआंड विजुल रेंज) बीवीआर मिसाइल है वह भी अपनी खास क्षमताओं के जरिये वायुसेना और नौसेना के फायर पावर को बढ़ाएगा।

मोदी और पुतिन के बीच अहम बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच हुई अहम टेलीफोन बातचीत हुई है। आधिकारिक बयान के मुताबिक पीएम ने पुतिन को रूस में संविधान संशोधन के लिए हुए मतदान में जीत की बधाई दी, लेकिन जानकार इस बातचीत को रक्षा खरीद के फैसलों से भी जोड़ कर देख रहे हैं।

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