आसियान देशों की बैठक में राजनाथ सिंह ने लिया हिस्सा, बोले- सामूहिक रूप से हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान (ASEAN) देशों की बैठक में हिस्सा लिया। आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की यह बैठक (ADMM-Plus) वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। ये बैठक सुबह 6.30 बजे शुरू हुई।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:25 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 08:10 AM (IST)
आसियान देशों की बैठक में राजनाथ सिंह ने लिया हिस्सा, बोले- सामूहिक रूप से हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना
आसियान देशों की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।(फोटो: एएनआइ)

नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुबह आसियान (ASEAN) की बैठक में हिस्सा लिया। आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की यह बैठक (ADMM-Plus) वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। यह बैठक आज सुबह 6.30 बजे हुई। एडीएमएम प्लस 10 आसियान सदस्य देशों और आठ संवाद भागीदारों यानी ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका को शामिल करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है। बैठक की मेजबानी ब्रुनेई रक्षा मंत्रालय ने की। ब्रुनेई इस साल आसियान समूह का अध्यक्ष है और वह सभी बैठकों की मेजबानी करेगा।

Defence Minister Rajnath Singh participates in the ASEAN Defence Ministers' Meeting Plus (ADMM-Plus) via video conferencing this morning pic.twitter.com/iDm4P6XzkA

— ANI (@ANI) June 16, 2021

इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन, जापान, रूस और अमेरिकी रक्षा सचिव के अपने समकक्षों के साथ आभासी मंच साझा किया। जी-7, नाटो की बैठकों को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य रक्षा मंत्री क्या बोलते हैं। इस बैठक में चीनी रक्षा मंत्री भी मौजूद रहे।

रक्षा मंत्री ने क्या कहा ?

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सबसे पहले मैं क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण पर भारत के विचारों और दृष्टिकोण को व्यक्त करने का अवसर देने के लिए एडीएमएम प्लस फोरम को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से हमारे सामने तत्काल चुनौती है- COVID-19। वायरस तेजी से रूर बदल रहा रहा है और हमारी प्रतिक्रिया का परीक्षण कर रहा है क्योंकि हमें नए वेरिएंट मिलते हैं जो अधिक संक्रामक और शक्तिशाली हैं। भारत एक दूसरी लहर से उभर रहा है जिसने हमारी चिकित्सा प्रतिक्रिया को सीमा तक धकेल दिया।

इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी का विनाशकारी प्रभाव अभी भी सामने आ रहा है। इसलिए परीक्षा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विश्व अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर आगे बढ़े और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वसूली किसी को पीछे न छोड़े। मुझे विश्वास है कि यह तभी संभव है जब पूरी मानवता का टीकाकरण हो। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'वसुधैव कुटुम्बकम' - 'पूरी दुनिया एक परिवार है' और 'सर्वे भवन्तु सुखिनः'- 'सभी शांति से रहें' की भारतीय अवधारणाएं कभी भी अधिक प्रासंगिक नहीं रही हैं। आज एक दृष्टिकोण जो एक परिवार के रूप में दुनिया की परिकल्पना करता है, एक साझा दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करेगा।

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज की गतिशील और अन्योन्याश्रित दुनिया की चुनौतियों का समाधान पुरानी प्रणालियों से नहीं किया जा सकता है जिन्हें अतीत के परीक्षणों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि भारत राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, बातचीत के माध्यम से विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के पालन के आधार पर भारत-प्रशांत में एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी आदेश का आह्वान करता है। भारत ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए दृष्टिकोण और मूल्यों को परिवर्तित करने के आधार पर हिंद-प्रशांत में अपने सहकारी संबंधों को मजबूत किया है।

बता दें कि एडीएमएम-प्लस 12 अक्टूबर 2010 को वियतनाम के हनोई में आयोजित किया गया था और पिछले साल इसकी स्थापना के एक दशक के बाद से चिह्नित किया गया था। वहीं, आसियान के रक्षा मंत्रियों की 15वीं बैठक (एडीएमएम) वर्चुअली बुलाई गई।

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