रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कर्नाटक के कारवार में भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट सीबर्ड का किया हवाई सर्वेक्षण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर्नाटक के कारवार में भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट सीबर्ड का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह भी मौजूद रहे। बता दें कि राजनाथ सिंह आज केरल के कोच्चि और कर्नाटक के करवार के दो दिवसीय दौरे पर हैं।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:20 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 02:48 PM (IST)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कर्नाटक के कारवार में भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट सीबर्ड का किया हवाई सर्वेक्षण
कोच्चि और कारवार के दो दिवसीय दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, इन परियोजना की करेंगे समीक्षा

कोच्चि, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज केरल के कोच्चि और कर्नाटक के करवार के दौरे पर है। रक्षा मंत्री कारवार और कोच्चि के दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट सीबर्ड का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह भी मौजूद रहे।

रक्षा मेंत्री नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ एक विशेष विमान द्वारा कोच्चि के नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस गरुड़ में शाम 7.30 बजे पहुंचेंगे। इसके साथ ही रक्षा मंत्री शुक्रवार को सुबह 9.45 बजे कोचीन पोर्ट ट्रस्ट घाट पर स्वदेशी विमान वाहक का दौरा करेंगे और परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे। 

नौसेना की परियोजनाओं की करेंगे समीक्षा

इस दौरान राजनाथ सिंह दक्षिणी नौसेना कमान की विभिन्न प्रशिक्षण इकाइयों का दौरा करेंगे और नौसेना की परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे। अपनी दो दिवसीय दौरे के बाद केंद्रीय मंत्री शुक्रवार दोपहर तीन बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 जून को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) पहुंचकर देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत के निर्माण की समीक्षा करेंगे। मीडिय रिपोर्ट के मुताबिक, राजनाथ आज शाम को को कोच्चि पहुंचेंगे और शुक्रवार को सीएसएल में पोत के निर्माण कार्य को देखेंगे। बता दें कि रक्षा मंत्री का यह दो दिवसीय दौरा विमानवाहक पोत के समुद्री ट्रायल में देरी होने के दौरान किया जा रहा है। गौरतलब है कि पोत को इस साल के पहले छह महीनों में समुद्र में उतारकर उसका परीक्षण किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण इस परीक्षण को टाल दिया गया था।

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