श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर ट्रस्ट की याचिका पर फैसला सुरक्षित, आडिट से छूट के लिए दायर की गई है याचिका

जस्टिस यूयू ललित जस्टिस एस. रविंद्र भट और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। तिरुअनंतपुरम स्थिति मंदिर के दैनिक मामलों का प्रबंधन करने के लएि तत्कालीन त्रावणकोर शाही परिवार ने ट्र्स्ट का गठन किया था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:26 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:26 PM (IST)
श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर ट्रस्ट की याचिका पर फैसला सुरक्षित, आडिट से छूट के लिए दायर की गई है याचिका
शीर्ष अदालत ने पिछले साल मंदिर के लिए एक प्रशासनिक समिति का गठन भी किया था

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। ट्रस्ट ने शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ आवेदन दिया है। अदालत ने पिछले साल ट्रस्ट के 25 साल के आय-व्यय का आडिट करने का आदेश दिया था।

जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस. रविंद्र भट और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। तिरुअनंतपुरम स्थिति मंदिर के दैनिक मामलों का प्रबंधन करने के लएि तत्कालीन त्रावणकोर शाही परिवार ने ट्र्स्ट का गठन किया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल मंदिर के लिए एक प्रशासनिक समिति का गठन भी किया था।

समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक इसी प्रशासनिक समिति की तरफ से पेश वकील आर बसंत ने कहा कि मंदिर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसका प्रतिमाह का खर्चा 1.25 करोड़ है और आय 60-70 लाख रुपये ही हो रही है। इसलिए ट्रस्ट को खर्चे को पूरा करने में मदद करनी चाहिए।

ट्रस्ट के वकील अरविंद दतार का कहना था कि शाही परिवार की तरफ से गठित सार्वजनिक ट्रस्ट का मंदिर के प्रशासनिक मामलों से कुछ लेना-देना नहीं है। ट्रस्ट का गठन शाही परिवार से जुड़े पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान की देखरेख के लिए किया गया था।

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