स्वतंत्रता संग्राम में विज्ञानियों का योगदान छात्रों को पढ़ाने की जरूरत : दत्तात्रेय होसबाले
भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत एक वेबिनार को संबोधित करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने खेद जताया कि लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में विज्ञानियों के योगदान के बारे में पता नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सोमवार को कहा कि भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में विज्ञानियों के योगदान को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत एवं दुनिया के सामने देश के विज्ञानियों के इतिहास एवं परंपरा को पेश करने की जरूरत है।
भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत एक वेबिनार को संबोधित करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने खेद जताया कि लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में विज्ञानियों के योगदान के बारे में पता नहीं है।
उन्होंने कहा कि लोग सोचते हैं कि विज्ञानी प्रयोगशालाओं तक सीमित हैं और बाहरी दुनिया से उनका कोई जुड़ाव नहीं होता है, जो असत्य है।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी सबसे बड़े वैज्ञानिक रणनीतिकार थे। उन्होंने अहिंसा एवं सत्याग्रह को औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ सबसे बड़े जैविक युद्ध के रूप में इस्तेमाल किया।
शुरू हो गईं स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां
गौरतलब है कि अगस्त शुरू होते ही स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। शिक्षण संस्थाओं के साथ अन्य सामाजिक संस्थाएं भी स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए अपनी योजनाएं बनाने लगती हैं। खासतौर पर कोरोना के समय में स्वतंत्रता दिवस को लेकर काफी सावधानी रखते हुए आयोजन करने का प्रयास किया जा रहा है।