Sextortion : प्यार और मीठी बातों के जाल में फंसा रहे साइबर जालसाज, तेजी से बढ़ रहे सेक्सटॉर्शन के मामले

हाल ही में ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन की ओर से की गई एक स्टडी में पाया गया कि सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों में ज्यादातर कम उम्र के होते हैं। वहीं इस तरह के अपराध को अंजाम देने देने वाले क्रिमिनल्स में ज्यादातर पुरुष ही होते हैं।

By Vineet SharanEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 11:57 AM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 11:57 AM (IST)
Sextortion : प्यार और मीठी बातों के जाल में फंसा रहे साइबर जालसाज, तेजी से बढ़ रहे सेक्सटॉर्शन के मामले
ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन की स्टडी में 78 ऐसे केसों का अध्ययन किया गया जो सेक्सटॉर्शन की परिभाषा के तहत आते थे।

नई दिल्ली, विवेक तिवारी। अगर आप सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा एक्टिव रहते हैं और नए नए लोगों से दोस्ती करना आपको अच्छा लगता है तो आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। पिछले कुछ समय में साइबर फ्रॉड के कुछ खास मामले सामने आए हैं जिसमें लोग सेक्सटॉर्शन का शिकार हो गए हैं। 2019 में देश में लगभग 1800 मामले साइबर फिरौती के सामने आए थे। इसमें से सेक्सटॉर्शन के मामले भी शामिल थे। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक साइबर फिरौती के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए थे।

हाल ही में ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन की ओर से की गई एक स्टडी में पाया गया कि सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों में ज्यादातर कम उम्र के होते हैं। वहीं इस तरह के अपराध को अंजाम देने देने वाले क्रिमिनल्स में ज्यादातर पुरुष ही होते हैं। इस तरह के हमलों का शिकार हुए ज्यादातर लोग चुप रह जाते हैं।

ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन की ओर से की गई स्टडी में 78 ऐसे केसों का अध्ययन किया गया जो सेक्सटॉर्शन की परिभाषा के तहत आते थे। इन मामलों की सुनवाई अमेरिका के 29 राज्यों और क्षेत्रों में हुई। 3 मामले विदेशी न्यायाधिकरण के थे। अध्ययन में पाया गया कि 'इंटरनेट की वजह से किसी को सेक्शुअली धमकाने या डराने के लिए जरूरी नहीं की धमकाने वाला उसी देश में रहता हो।'

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार कहते हैं कि सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों में ज्यादातर कम उम्र के होते हैं। इस तरह के अपराध को अंजाम देने वाले क्रिमिनल्स में ज्यादातर पुरुष ही होते हैं। व्यस्क विक्टिम्स में महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। इस तरह के हमलों के शिकार हुए लोग शर्म की वजह से चुपचाप रह जाते हैं।

कड़े कानून से मिलेगी सफलता

संजय कुमार कहते हैं कि इस पर लगाम लगाने के लिए अलग से एक कड़ा कानून बनना चाहिए, जिसमें सेक्शुअल अब्यूज, फिरौती, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी वगैरह को शामिल किया जाए। किसी अश्‍लील विषय-वस्‍तु को ऑनलाइन भेजना, प्रकाशन या प्रसारण गैरकानूनी और दंडनीय है। अश्लील विषय-वस्‍तु का ऑनलाइन प्रकाशन/प्रसारण न करें। ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

संजय कहते हैं कि एक बार इस जाल में फंस जाने पर निकलना मुश्किल हो जाता है। सावधान और सतर्क रहना बेहतर है। अपराधियों के जाल में न फंसें।

क्या है सेक्सटॉर्शन

साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी के मुताबिक सेक्सटॉर्शन पिछले एक साल से ब्लैकमेलिंग का ऑर्गनाइज क्राइम चल रहा है। इसमें देखा गया है कि वाट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आता है। उस कॉल में दूसरी तरफ एक न्यूड लेडी होगी। ये लेडी स्क्रीन रिकॉर्डर के जरिए आपके फेस के साथ एक वीडियो बना लेगी। बाद में आपको इस वीडियो को इंटरनेट पर डालने की धमकी देकर आपके पैसे मांगे जाते हैं। दरअसल सेक्सटॉर्शन का का मतलब हुआ किसी के कंप्यूटर में सेंध लगाकर सेक्सी पिक्चर या वीडियो चुराना या फिर वेबकैम से ऐसा करना। फिर इस वीडियो या तस्वीर के जरिए विक्टिम को ब्लैकमेल करना, उससे फिरौती मांगना।

शर्म के मारे नहीं होती शिकायत

सेक्सटॉर्शन के शिकार ज्यादातर कम उम्र के होते हैं। इस तरह के हमलों के शिकार हुए लोग शर्म की वजह से चुपचाप रह जाते हैं। इस तरह के मामलों के शिकार बच्चे ज्यादा होते हैं। दरअसल बच्चे घबराकर साइबर अपराधियों के जाल में फंसते जाते हैं। 

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