Cyber Attack: भारत में रूसी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कर रही डॉ. रेड्डीज पर साइबर अटैक
डॉ. रेड्डीज को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल से कोविड-19 के लिए रूसी टीके के भारत में दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत मिली है। रूस पहला देश है जिसने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है।
हैदराबाद, पीटीआइ। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में पूरी दुनिया में साइबर अटैक काफी बढ़ गए हैं। ताजा साइबर अटैक भारत में रूसी कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल कर रही फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज पर हुआ है। इसके बाद कंपनी ने अपनी सभी फैक्टरियों में काम फिलहाल रोक दिया है। कंपनी को शक है कि साइबर अटैक के साथ-साथ सर्वर का डाटा भी बाहरी लोगों तक पहुंच गया है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है और अगले 24 घंटों में काम फिर से शुरू हो जाएगा।
डॉ. रेड्डीज को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल से कोविड-19 के लिए रूसी टीके(स्पुतनिक V वैक्सीन) के भारत में दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत मिली है। रूस पहला देश है जिसने कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने का दावा किया है।
हालांकि, अभी तक रूस की वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से हरी झंडी नहीं मिली है। रूस ने भारत सहित कई देशों से वैक्सीन का ट्रायल करने का आग्रह किया है। भारत में जल्द इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। डॉ. रेड्डीज पर हुए साइबर अटैक को रूसी वैक्सीन को लेकर भी जोड़ा जा रहा है।
देश में हो रहे साइबर अटैक से सरकार भी चिंतित है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी गुलशन राय ने बताया था कि पिछले कुछ महीने के दौरान देश में 200 फीसद साइबर हमले बढ़े हैं। हालांकि, इसका कोई सुबूत नहीं है कि इसका कारण भारत और चीन के बीच बढ़ा तनाव है।
राय ने कहा कि लुभावने और फर्जी मेल एवं हैकिंग के मामले बढ़े हैं। ये मामले भारत और चीन के बीच तनाव के कारण नहीं बढ़े हैं। जनवरी और फरवरी के अंत से घर से काम करने की संस्कृति के चलते बढ़े हैं। राय ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि दफ्तरों में साइबर हमलों से सुरक्षा की व्यवस्था होती है।