DATA STORY: साइबर अपराधियों के लिए खींचनी होगी लक्ष्मण रेखा, लगातार बढ़ रहे हमले

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि अगर हमें साइबर ठगी से बचना है तो पहले हमें ये मानना होगा कि हम सुरक्षित नहीं हैं। मोबाइल या किसी डिवाइस पर अपनी संवेदनशील जानकारी सेव करके न रखें। कोशिश करें अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाएं। बैकअप जरूर रखें। ऐ

By Vineet SharanEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 11:39 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 04:40 PM (IST)
DATA STORY: साइबर अपराधियों के लिए खींचनी होगी लक्ष्मण रेखा, लगातार बढ़ रहे हमले
ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 51 फीसद फ्रॉड पॉप अप एड या विंडो से हुए हैं।

नई दिल्ली, विवेक तिवारी। बुराइयों के प्रतीक रावण के दस सिरों में आज के आधुनिक युग में आप साइबर अपराध को भी एक सिर के तौर पर देख सकते हैं। अगर किसी तरह से ये बुराई खत्म या कम की जा सके तो हम बिना किसी डर के इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। आज साइबर अपराधी इंटरनेट के जरिए आपका पैसा, सीक्रेट जानकारी चुराने के साथ ही देश के महत्वपूर्ण संस्थानों को भी निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार और देश के साइबर एक्सपर्ट कुछ इस तरह की लक्षमण रेखा तैयार करने में जुटे हैं जिन्हें साइबर अपराधी कभी पार न कर सकें।

एक्सपर्ट की ये है राय

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि अगर हमें साइबर ठगी से बचना है तो पहले हमें ये मानना होगा कि हम सुरक्षित नहीं हैं। मोबाइल या किसी डिवाइस पर अपनी संवेदनशील जानकारी सेव करके न रखें। कोशिश करें अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाएं। अपने डिवाइस का बैकअप जरूर रखें। ऐप डाउनलोड करते समय सावधानी रखें। अनावश्यक वेबसाइट पर न जाएं। सावधान रहित, सतर्क रहित और जागरूक रहिए।

साइबर सुरक्षा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए

जयपुर पुलिस साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी कहते हैं कि भारत में साइबर हमले अधिक होने के पीछे सबसे बड़ी वजह यहां लोगों में जागरूकता न होना है। पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी हमलों के खतरे को बढ़ाता हैं। वह समय आ गया है जब देश मे साइबर सुरक्षा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

फर्जी फोन कॉल से बेवकूफ बनने वाले बढ़े

ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 51 फीसद फ्रॉड पॉप अप एड या विंडो के जरिए हुए हैं। वहीं 42 फीसद भारतीय अवांछित ईमेल, 48 फीसद रिडायरेक्ट वेबसाइट के जरिए हैकर्स के झांसे में आए। वहीं हैरानी की बात है कि अब भी 31 फीसद लोग अवांछित कॉल के जरिए फर्जीवाड़े के शिकार हो रहे हैं। पिछले साल के आंकड़ों से तुलना करने पर पता चलता है कि सबसे ज्यादा इजाफा अवांछित कॉल के जरिए धोखाधड़ी में हुआ है।

इन तरीकों से भी फर्जीवाड़ा

व्हाट्सएप कॉल के जरिए फर्जीवाड़ा-

अगर आपके व्हाट्सऐप पर किसी अनजान नंबर से वॉइस कॉल आती है तो आप सावधान हो जाइए, क्योंकि फोन करने वाला आपको ठग सकता है।

यूपीआई के जरिए ठगी-

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिए किसी को भी आसानी से पैसे भेजे या मंगाए जा सकते हैं। यूपीआई के जरिए ठग किसी व्यक्ति को डेबिट लिंक भेज देता है। इससे बचने के लिए अनजान डेबिट रिक्वेस्ट को तुरंत डिलीट कर देना चाहिए। अजनबियों के भेजे लिंक पर क्लिक न करें।

क्यूआर कोड से धोखाधड़ी-

क्यूआर यानी क्विक रिस्पांस कोड के जरिए जालसाज ग्राहकों को भी लूटने का काम कर रहे हैं। मोबाइल पर क्यूआर कोड भेजा जाता है और उसे पाने वाला शख्स क्यूआर कोड लिंक को क्लिक करता है तो ठग उसके मोबाइल फोन का क्यूआर कोड स्कैन कर बैंक खाते से रकम निकाल लेते हैं।

किस राज्य में कितने साइबर अपराध

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश   2018 2019 2020

आंध्र प्रदेश                      1207 1886 1899

असम                             2022 2231 3530

बिहार                              374 1050 1512

छत्तीसगढ़                       139 175 297

गुजरात                            702 784 1283

हरियाणा                          418 564 656

झारखंड                          930 1095 1204

कर्नाटक                           5839 12020 10741

केरल                               340 307 426

मध्य प्रदेश                       740 602 699

महाराष्ट्र                           3511 4967 5496

ओडिशा                        843 1485 1931

पंजाब                             239 243 378

राजस्थान                       1104 1762 1354

तमिलनाडु                        295 385 782

तेलंगाना                          1205 2691 5024

उत्तर प्रदेश                       6280 11416 11097

उत्तराखंड                         171 100 243

पश्चिम बंगाल                     335 524 712

चंडीगढ़                               30 23 17

दिल्ली                              189 115 168

डेटा: एनसीबी 

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