DATA STORY: साइबर अपराधियों के लिए खींचनी होगी लक्ष्मण रेखा, लगातार बढ़ रहे हमले
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि अगर हमें साइबर ठगी से बचना है तो पहले हमें ये मानना होगा कि हम सुरक्षित नहीं हैं। मोबाइल या किसी डिवाइस पर अपनी संवेदनशील जानकारी सेव करके न रखें। कोशिश करें अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाएं। बैकअप जरूर रखें। ऐ
नई दिल्ली, विवेक तिवारी। बुराइयों के प्रतीक रावण के दस सिरों में आज के आधुनिक युग में आप साइबर अपराध को भी एक सिर के तौर पर देख सकते हैं। अगर किसी तरह से ये बुराई खत्म या कम की जा सके तो हम बिना किसी डर के इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। आज साइबर अपराधी इंटरनेट के जरिए आपका पैसा, सीक्रेट जानकारी चुराने के साथ ही देश के महत्वपूर्ण संस्थानों को भी निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार और देश के साइबर एक्सपर्ट कुछ इस तरह की लक्षमण रेखा तैयार करने में जुटे हैं जिन्हें साइबर अपराधी कभी पार न कर सकें।
एक्सपर्ट की ये है राय
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि अगर हमें साइबर ठगी से बचना है तो पहले हमें ये मानना होगा कि हम सुरक्षित नहीं हैं। मोबाइल या किसी डिवाइस पर अपनी संवेदनशील जानकारी सेव करके न रखें। कोशिश करें अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाएं। अपने डिवाइस का बैकअप जरूर रखें। ऐप डाउनलोड करते समय सावधानी रखें। अनावश्यक वेबसाइट पर न जाएं। सावधान रहित, सतर्क रहित और जागरूक रहिए।
साइबर सुरक्षा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए
जयपुर पुलिस साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी कहते हैं कि भारत में साइबर हमले अधिक होने के पीछे सबसे बड़ी वजह यहां लोगों में जागरूकता न होना है। पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी हमलों के खतरे को बढ़ाता हैं। वह समय आ गया है जब देश मे साइबर सुरक्षा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
फर्जी फोन कॉल से बेवकूफ बनने वाले बढ़े
ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 51 फीसद फ्रॉड पॉप अप एड या विंडो के जरिए हुए हैं। वहीं 42 फीसद भारतीय अवांछित ईमेल, 48 फीसद रिडायरेक्ट वेबसाइट के जरिए हैकर्स के झांसे में आए। वहीं हैरानी की बात है कि अब भी 31 फीसद लोग अवांछित कॉल के जरिए फर्जीवाड़े के शिकार हो रहे हैं। पिछले साल के आंकड़ों से तुलना करने पर पता चलता है कि सबसे ज्यादा इजाफा अवांछित कॉल के जरिए धोखाधड़ी में हुआ है।
इन तरीकों से भी फर्जीवाड़ा
व्हाट्सएप कॉल के जरिए फर्जीवाड़ा-
अगर आपके व्हाट्सऐप पर किसी अनजान नंबर से वॉइस कॉल आती है तो आप सावधान हो जाइए, क्योंकि फोन करने वाला आपको ठग सकता है।
यूपीआई के जरिए ठगी-
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिए किसी को भी आसानी से पैसे भेजे या मंगाए जा सकते हैं। यूपीआई के जरिए ठग किसी व्यक्ति को डेबिट लिंक भेज देता है। इससे बचने के लिए अनजान डेबिट रिक्वेस्ट को तुरंत डिलीट कर देना चाहिए। अजनबियों के भेजे लिंक पर क्लिक न करें।
क्यूआर कोड से धोखाधड़ी-
क्यूआर यानी क्विक रिस्पांस कोड के जरिए जालसाज ग्राहकों को भी लूटने का काम कर रहे हैं। मोबाइल पर क्यूआर कोड भेजा जाता है और उसे पाने वाला शख्स क्यूआर कोड लिंक को क्लिक करता है तो ठग उसके मोबाइल फोन का क्यूआर कोड स्कैन कर बैंक खाते से रकम निकाल लेते हैं।
किस राज्य में कितने साइबर अपराध
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश 2018 2019 2020
आंध्र प्रदेश 1207 1886 1899
असम 2022 2231 3530
बिहार 374 1050 1512
छत्तीसगढ़ 139 175 297
गुजरात 702 784 1283
हरियाणा 418 564 656
झारखंड 930 1095 1204
कर्नाटक 5839 12020 10741
केरल 340 307 426
मध्य प्रदेश 740 602 699
महाराष्ट्र 3511 4967 5496
ओडिशा 843 1485 1931
पंजाब 239 243 378
राजस्थान 1104 1762 1354
तमिलनाडु 295 385 782
तेलंगाना 1205 2691 5024
उत्तर प्रदेश 6280 11416 11097
उत्तराखंड 171 100 243
पश्चिम बंगाल 335 524 712
चंडीगढ़ 30 23 17
दिल्ली 189 115 168
डेटा: एनसीबी