डेंगू और मौसमी बीमारियों के चलते अस्पतालों में लोगों की भीड़, डाक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाई और चिंता

सरकारी अस्पतालों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुबह नौ से 11 बजे तक पेन डाउन हड़ताल के चलते डाक्टर किसी मरीज का इलाज नहीं करेंगे। डेंगू का सबसे बुरा हाल उत्तर प्रदेश में है। वहीं राजधानी दिल्ली में भी इसके 2700 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 08:29 AM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 08:39 AM (IST)
डेंगू और मौसमी बीमारियों के चलते अस्पतालों में लोगों की भीड़, डाक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाई और चिंता
डेंगू और मौसमी बीमारियों के चलते अस्पतालों में लोगों की भीड़, डाक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाई और चिंता

नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना वायरस के बाद अब डेंगू और मौसमी बीमारियों के चलते अस्पतालों में लोगों की भीड़ लगी हुई है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) में मरीजों की भीड़ बढ़ने से लंबी-लंबी कतारें लगने लगी हैं। इस बीच शुक्रवार को मरीजों की परेशानी और बढ़ने वाली हैं। बता दें कि सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुबह नौ से 11 बजे तक पेन डाउन हड़ताल के चलते डाक्टर किसी मरीज का इलाज नहीं करेंगे।

मच्छरों के काटने से होने वाले डेंगू ने भारत के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी चपेट में ले रखा है। बताया गया कि देशभर में अब तक 1.20 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यह संख्या पिछले कुछ सालों में सबसे अधिक है। बता दें कि डेंगू का सबसे बुरा हाल उत्तर प्रदेश में है। वहीं, राजधानी दिल्ली में भी इसके 2700 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं।

यूपी के बाद पंजाब में सबसे ज्यादा केस हैं। इसके अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र में डेंगू के हजारों मामले दर्ज हो चुके हैं।

हरियाणा के यमुनानगर में डेंगू के सरकारी आंकड़ों में अभी 234 मरीज हैं, लेकिन निजी अस्पतालों में अभी भी बेड मरीजों से फुल हैं। अब मौसम में बदलाव आ चुका है। इसके बावजूद डेंगू का डंक कम नहीं हो रहा है। जिससे स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ी हुई है। यहां 5 साल का रिकार्ड टूटा है।

पंजाब के लुधियाना में भी डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। वीरवार को डेंगू के 29 नए मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही पिछले पांच साल का रिकार्ड भी टूट गया है। इस बार अब तक 1514 डेंगू मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इससे पहले वर्ष 2015 में 1876 मरीज सामने आए थे। उस समय डेंगू का प्रकोप काफी अधिक था। इसके बाद अगले पांच साल तक डेंगू मरीजों का आंकड़ा कभी 1510 से ऊपर नहीं पहुंचा था।

जम्मू में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच कछुआ चाल चल रहे नगर निगम की नींद दैनिक जागरण की खबर के बाद खुली। पांच फागिंग मशीनों के दम पर पूरे शहर से डेंगू खत्म करने का दावा कर रहे जम्मू नगर निगम ने वीरवार को फागिंग कैलेंडर जारी कर दिया ताकि लोगों को भरोसा दिलाया जा सके कि उनके वार्ड का नंबर भी फागिंग के लिए आ जाएगा। बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में डेंगू के मामले अभी आना जारी हैं। वीरवार को 42 और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। इसे मिलाकर अब तक कुल 1289 लोग डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं। जम्मू, कठुआ, ऊधमपुर और सांबा जिले ही सबसे अधिक प्रभावित हैं। सरकार के सभी प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं।

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