गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना टीकाकारण: SC ने केंद्र से मांगा जवाब, गर्भवती और नवजातों पर वैक्सीन का कैसा असर?

गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) और नवजात बच्चों (Childs) पर कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का कैसा असर पड़ सकता है इसकी अभी जांच की जा रही है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से दो हफ्तों में जवाब मांगा है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 01:18 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 03:38 PM (IST)
गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना टीकाकारण: SC ने केंद्र से मांगा जवाब, गर्भवती और नवजातों पर वैक्सीन का कैसा असर?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 2 हफ्तों में मांगा जवाब।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) और नवजात बच्चों (Childs) पर कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के असर को लेकर कोई जांच की जा रही है ताकि कोरोना वैक्सीन के असर का पता चल सके। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से दो हफ्तों में जवाब मांगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका(PIL) दाखिल की गई है जिसमें मांग की गई है कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं को कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) की डोज देने में प्राथमिकता दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उच्च जोखिम वाली श्रेणी घोषित करने और COVID-19 टीकाकरण के लिए प्राथमिकता देने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और दो सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब मांगा है।

हालांकि याचिका में कई अहम सवाल उठाए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि किसी को ये पता नहीं कि गर्भवती महिलाओं को जो कोरोना वैक्सीन दी जा रही है, उसका मां या बच्चे पर क्या असर पड़ रहा है। क्या इसका मां या बच्चे की सेहत पर कोई नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसकी वैज्ञानिक जांच होनी चाहिए और जनता को ये सब जानने का अधिकार है।

डीसीपीसीआर की ओर से पेश अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कहा कि केंद्र ने गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के टीकाकरण के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं लेकिन अब कहा जा रहा है कि टीकाकरण के कारण उन पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इन स्थितियों में महिलाओं को उच्च जोखिम वाली श्रेणियों के रूप में घोषित करने की आवश्यकता है और चूंकि लोग एक ऐसे वायरस से निपट रहे हैं जिसके बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए उन पर टीकाकरण के प्रभावों पर निरंतर शोध करने की आवश्यकता है।

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