कोरोना वायरस पर भारी पड़ा है लॉकडाउन, कई जगहों पर दिखाई दे रहा है असर

लॉकडाउन के बाद परिवारों में जो दूरी बनी थी अब वो सिमट गई है। वहीं इसकी वजह से अपराध का ग्राफ भी गिरा है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 29 Mar 2020 11:29 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 07:35 PM (IST)
कोरोना वायरस पर भारी पड़ा है लॉकडाउन, कई जगहों पर दिखाई दे रहा है असर
कोरोना वायरस पर भारी पड़ा है लॉकडाउन, कई जगहों पर दिखाई दे रहा है असर

आशीष सक्सेना। कोरोना से चल रही जंग के दौरान कई परिवारों में खासकर युवा एवं बुजुर्ग पीढ़ी में संबंध घनिष्ठ हुए हैं। आमतौर पर अपराध की दर भी कम हुई है। हम लोग पश्चिमी समाज की सभ्यता के बजाय अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं। आज हमने दुनिया को हाथ मिलाना छोड़कर नमस्कार करना सिखा दिया है। खानपान में मांसाहारी से शाकाहारी और घर में ही खाना पकाने वाली स्वच्छ जीवन शैली को अपना रहे हैं। आधुनिक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल से हम लोग एक असामाजिक स्थिति से निकलकर सामाजिक प्राणी होने का परिचय दे सकते हैं।

हमें संचार तकनीक का भरपूर उपयोग करना होगा जोकि कोरोना वायरस द्वारा प्रभावित हुए बिना अपना काम बखूबी कर सकती है। इसका प्रयोग विभिन्न स्वरूपों में किया जा रहा है। शिक्षा ऑनलाइन मोड में चली गई। वीडियो कांफ्रेंसिंग को माध्यम बनाया जा रहा है। स्काइप से लेकर जूम आदि एप से वीडियो क्रांफ्रेसिंग हो रही है। ई-मेल द्वारा स्टडी मटेरियल को डिस्ट्रीब्यूट करना, परिणामों का ऑनलाइन रिजल्ट देना, परीक्षाओं का ऑनलाइन मोड में करना आदि शामिल है।

हमें यह सुविधा मुख्यत: स्वास्थ्य विभाग के संबंध में बढ़ाने की जरूरत है जैसे ऑनलाइन काउंसलिंग, ऑनलाइन दवाई का वितरण, टेस्ट का ऑनलाइन परिणाम देना एवं डॉक्टरों द्वारा विभिन्न नेटवर्क गांठ में अपने आप को मजबूती से अधि केंद्रों को स्वास्थ्य एव सक्षम बनाना। ऐसी स्थिति में हमें प्रतीकात्मक अंत:क्रियावाद का सहारा लेकर तथा मास्क लगाकर अपने संवाद को जारी रखना होगा।

(अध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय)

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