कोरोना की तीसरी लहर के लिए अगले तीन महीने बेहद अहम, केंद्र ने दिया राज्यों को तैयार रहने का निर्देश

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अगल तीन महीने अक्टूबर नवंबर और दिसंबर अहम साबित हो सकते हैं। नीति आयोग के सदस्य और टीकाकरण पर गठित टास्क फोर्स के प्रमुख डाक्टर वीके पाल ने इसकी चेतावनी देते हुए राज्यों से इसके लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 09:47 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:47 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर के लिए अगले तीन महीने बेहद अहम, केंद्र ने दिया राज्यों को तैयार रहने का निर्देश
अक्टूबर से दिसंबर के बीच आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर। (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अगल तीन महीने अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर अहम साबित हो सकते हैं। नीति आयोग के सदस्य और टीकाकरण पर गठित टास्क फोर्स के प्रमुख डाक्टर वीके पाल ने इसकी चेतावनी देते हुए राज्यों से इसके लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से इन दो महीने के त्योहारी सीजन के दौरान कोरोना गाइडलाइन के पालन की अपील की है।

डाक्टर वीके पाल के अनुसार भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लगाए गए सभी अनुमानों में अक्टूबर से लेकर दिसंबर के बीच इसके आने की आशंका जताई गई है। उन्होंने कहा कि भले ही देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति बेहतर हुई हो और केरल में भी स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हमें अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं आने देनी चाहिए।

उन्होंने राज्य सरकारों से लेकर नगर निकायों तक को कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर अस्पतालों में पर्याप्त बेड और अन्य तैयारियों को पूरा करने को कहा है। ध्यान देने की बात है कि तैयारी नहीं होने के कारण दूसरी लहर के दौरान देश भर में स्थिति गंभीर हो गई थी। ऐसे स्थिति से बचने और तीसरी लहर के लिए स्वास्थ्य ढांचे को तैयार करने के लिए केंद्र ने 23 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों इस पैकेज के अमल की समीक्षा की थी।

अस्पतालों में आक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने काम

तीसरी लहर के लिए तैयारियों के बारे में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश भर के अस्पतालों में आक्सीजन उत्पादन प्लांट (पीएसए प्लांट) लगाने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक 4,571 मीट्रिक टन आक्सीजन उत्पादन क्षमता के 3,631 प्लांट को स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 1491 प्लांट केंद्र सरकार के सहयोग से और 2140 प्लांट राज्यों व अन्य स्त्रोतों द्वारा लगाए जाने हैं। इन स्वीकृत प्लांट में से 2088 मीट्रिक टन क्षमता के 1595 प्लांट ने काम करना शुरू भी कर दिया है। चालू प्लांट में 731 केंद्रीय सहायता से और 864 राज्यों व अन्य स्त्रोतों से लगाए गए हैं। इसके अलावा जिला और ब्लाक स्तर पर कोविड बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और इलाज के लिए जरूरी दवाओं का स्टाक भी तैयार किया जा रहा है।

20 फीसद आबादी को दोनों और 62 फीसद को कम से कम एक डोज

सरकार ने दिवाली तक देश के सभी व्यस्कों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज देने का लक्ष्य रखा है। राज्यों को इसे हासिल करने के लिए कहा जा रहा है। अभी देश के 20 फीसद वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज और 62 फीसद से अधिक को कम से एक डोज दी जा चुकी है। कोविन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार की शाम तक देश में कम से कम एक डोज लेने वाले वयस्कों की संख्या 58 करोड़ से अधिक पहुंच गई है। देश में कुल वयस्क आबादी 93-94 करोड़ है। इस हिसाब से दीवाली तक सरकार को 35 से 36 करोड़ लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज देनी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैक्सीन की उपलब्धता को देखते हुए इस लक्ष्य को काफी हद तक हासिल किया जा सकता है। गुरुवार को राज्यों के पास केंद्र की ओर भेजे गए 5.33 करोड़ डोज का स्टाक था और 1.65 करोड़ डोज जल्द भेजे जाने हैं।

भीड़भाड़ से बचने की सलाह

डाक्टर वीके पाल ने तीसरी लहर को रोकने के लिए लोगों को त्योहारी सीजन में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के साथ-साथ वैक्सीन लेने की भी अपील की। उनके अनुसार वैक्सीन कोरोना के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है और तीसरी लहर की भयावहता को कम करने में यह सबसे अधिक कारगर साबित हो सकती है। ध्यान देने की बात है कि पिछले दिनों कोविन ट्रैकर के आंकड़ों के आधार पर आइसीएमआर के महानिदेशक डाक्टर बलराम भार्गव ने कहा था कि वैक्सीन की एक डोज भी लगभग 97 फीसद ¨जदगी बचाने में सफल साबित हो रही है।

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