महामारी के दौर में निचली अदालतों के लिए शुरू हुआ कोविड प्रबंधन प्रोटोकाल
Covid Management Protocol कानून मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के दिशा-निर्देश में पुणे स्थित राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) की एक टीम ने पिछले साल प्रोटोकाल तैयार किए थे ।
नई दिल्ली, प्रेट्र। अब जबकि देशभर की निचली अदालतों में लोगों की उपस्थिति में मुकदमों पर सुनवाई शुरू हो रही है तो राष्ट्रीय सूचना केंद्र ने कोविड प्रबंधन प्रोटोकाल शुरू किया है। इसका मकसद है कि न्यायिक अधिकारी कोर्ट रूम में अधिक संख्या में लोगों को एकत्रित होने से रोकें और संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए केवल तत्कालिक मामलों की सुनवाई कर सकें।
कानून मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के दिशा-निर्देश में पुणे स्थित राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) की एक टीम ने पिछले साल प्रोटोकाल तैयार किए थे। इसके तहत जिला अदालतें मामलों को सुनियोजित तरीके से सूचीबद्ध कर सकती हैं, सुनवाई के लिए समय दे सकती हैं और विभिन्न अदालतों में एक ही वकील से जुड़े मामलों की सुनवाई से बच सकती हैं। इससे वादियों, वकीलों, अदालत कर्मियों और न्यायाधीशों समेत सभी पक्षकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
इतना ही नहीं, प्रोटोकाल से न्यायिक अधिकारी कोर्ट रूम में अधिक संख्या में लोगों को एकत्रित होने से रोकने के लिए केवल तत्काल मामलों पर सुनवाई कर सकते हैं और उन मामलों की सुनवाई टाल सकते हैं जो ज्यादा जरूरी नहीं हैं। बता दें कि पिछले साल 24 मार्च से 30 सितंबर तक करीब 19,000 जिला अदालतों ने वर्चुअल तरीके से 19,33,492 मामलों पर सुनवाई की।
केंद्र सरकार के कदम की सुप्रीम कोर्ट ने की सराहना
वहीं, दूसरी ओर कोरोना से मृत लोगों के स्वजन को मुआवजा देने के केंद्र सरकार के कदम की सुप्रीम कोर्ट ने सराहना की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि भारत ने जो किया है, कोई अन्य देश नहीं कर पाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हमें खुशी है कि कई परिवारों के आंसुओं को पोछने के लिए कुछ किया गया है।
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