टीकाकरण की नई मुहिम के अगुवा बनेंगे विश्वविद्यालय और कालेज, यूजीसी ने बनाई रणनीति

यूजीसी ने इससे जुड़ी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से भी योजना तैयार करने को कहा गया है। इसका स्वरूप क्या होगा यह टीकाकरण के नए चरण को लेकर सरकार की योजना सामने आने के बाद अगले हफ्ते तक साफ हो सकेगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 08:28 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 08:28 AM (IST)
टीकाकरण की नई मुहिम के अगुवा बनेंगे विश्वविद्यालय और कालेज, यूजीसी ने बनाई रणनीति
इनमें से भी बड़ी संख्या ऐसे आयु वर्ग की है, जो विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत है

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो।  देश भर में एक मई से कोरोना टीकाकरण का एक नया चरण शुरू होने जा रहा है। इसमें 45 साल की उम्र से नीचे और 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को भी टीका लगाया जाएगा। उम्मीद है कि टीकाकरण के इस नई मुहिम से कोरोना संक्रमण की रफ्तार थामने में मदद मिलेगी। सरकार के फैसले से टीकाकरण के दायरे में देश की एक बड़ी आबादी आ गई है। इनमें से भी बड़ी संख्या ऐसे आयु वर्ग की है, जो मौजूदा समय में विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत है। जिन्हें इस चरण में प्राथमिकता पर टीका लगाने की तैयारी है। 

यूजीसी ने इससे जुड़ी रणनीति पर शुरू किया काम

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इससे जुड़ी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से भी अपने स्तर पर योजना तैयार करने को कहा गया है। इसका स्वरूप क्या होगा, यह टीकाकरण के नए चरण को लेकर सरकार की योजना सामने आने के बाद अगले हफ्ते तक साफ हो सकेगा। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन के मुताबिक टीकाकरण के इससे पहले के चरणों में भी सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों को तय उम्र के दायरे में आने वाले संस्थान के सभी लोगों का टीकाकरण कराने के लिए कहा गया था। साथ ही इसे लेकर आम लोगों को जागरूक करने को कहा था। 

एक मई से शुरू हो रही मुहिम में सभी छात्रों को लगाया जाएगा टीका

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, असम सहित कई राज्यों ने 18 से 45 साल की आयु वर्ग को मुफ्त में टीका उपलब्ध कराने का एलान किया है। माना जा रहा है कि यदि टीकाकरण की इस मुहिम में मई और जून तक उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़े ज्यादातर छात्रों का टीकाकरण हो जाता है, तो जुलाई से संस्थानों को सुचारु रूप से शुरू किया जा सकता है।

गौरतलब है कि देश में मौजूदा समय में एक हजार से ज्यादा विश्वविद्यालय और करीब पचास हजार कालेज हैं। इनमें करीब पचास केंद्रीय विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त करीब डेढ़ सौ दूसरे उच्च शिक्षण संस्थान हैं।

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