Covid Test: आइसीएमआर की गाइडलाइन दरकिनार, सिर्फ गले से लिया जा रहा कोरोना का सैंपल

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने पिछले साल अप्रैल में सैंपलिंग को लेकर जारी गाइडलाइन में कहा था कि आरटी-पीसीआर जांच के लिए नाक और मुंह दोनों जगह से स्वाब के सैंपल लिए जाने चाहिए। दोनों को एक साथ रखकर जांच के लिए भेजा जाना चाहिए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:10 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 11:01 PM (IST)
Covid Test: आइसीएमआर की गाइडलाइन दरकिनार, सिर्फ गले से लिया जा रहा कोरोना का सैंपल
आरटी-पीसीआर जांच के लिए नाक और मुंह दोनों जगह से स्वाब के सैंपल लिए जाने चाहिए।

 शशिकांत तिवारी, भोपाल। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने पिछले साल अप्रैल में सैंपलिंग को लेकर जारी गाइडलाइन में कहा था कि आरटी-पीसीआर जांच के लिए नाक और मुंह दोनों जगह से स्वाब के सैंपल लिए जाने चाहिए। दोनों को एक साथ रखकर जांच के लिए भेजा जाना चाहिए। इसका फायदा यह होगा कि वायरस की संख्या ज्यादा होने पर बीमारी आसानी से पकड़ में आ जाएगी।

आइसीएमआर ने नाक और गले दोनों जगह से सैंपल लेने को कहा था

गाइडलाइन के विपरीत मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। ज्यादातर जगह सिर्फ गले से स्वाब के सैंपल शुरू से लिए जा रहे हैं। निजी अस्पतालों और लैब में दोनों जगह से सैंपल लिए जा रहे हैं। राजधानी भोपाल में ही एम्स को छोड़ दें तो जेपी अस्पताल, हमीदिया अस्पताल समेत बाकी 47 फीवर क्लीनिक में सिर्फ गले से सैंपल लिए जा रहे हैं। दोनों जगह से सैंपल लेने और रखकर भेजने में समय थोड़ा ज्यादा लगता है, इसलिए सिर्फ गले से सैंपल लिया जा रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि नाक में वायरस मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। भाप लेने से जरूर नाक के वायरस कम हो सकते हैं, लेकिन गले में मौजूद वायरस कुछ खाने, पीने, गरारे करने और भाप लेने से बहुत कम हो जाते हैं, जिससे संक्रमित होने के बाद भी व्यक्ति पॉजिटिव नहीं आता।

विशेषज्ञ की राय

आइसीएमआर की गाइडलाइन है कि नाक और मुंह दोनों जगह से स्वाब के सैंपल लिए जाएं। एम्स में शुरू से दोनों जगह से सैंपल ले रहे हैं। इसका फायदा यह होता है कि बीमारी आसानी से पकड़ में आ जाती है। सिर्फ गले से सैंपल लेने से पॉजिटिव आने की संभावना कम हो जाती है। जांच कराने के डेढ़ से दो घंटे पूर्व ही कुछ खाना-पीना बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा सैंपल लेने का तरीका सही न हो या किट की क्वालिटी खराब हो तो भी पॉजिटिव आने के संभावना कम हो जाती है।

-डॉ. सरमन सिंह, निदेशक, एम्स, भोपाल

सैंपल लेने की अलग-अलग गाइडलाइन है। शुरू में हम लोग भी नाक और मुंह दोनों जगह से सैंपल लेते थे, लेकिन अभी की स्थिति पता नहीं है।

-डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल

नाक और गला दोनों श्वसन तंत्र का हिस्सा है। वायरस श्वसन तंत्र में कहीं भी हो सकता है। दोनों जगह से सैंपल लेने के लिए लिहाज से ही किट में आठ-आठ सेमी की दो स्टिक रहती हैं। दोनों जगह से सैंपल लेकर इस स्टिक के सैंपल वाले हिस्से लेकर एक वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया में रखकर जांच के लिए भेजा जाता है।

- डॉ. वीके रामनानी, एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एलएन मेडिकल कॉलेज, भोपाल

मध्य प्रदेश में अब तक लिए गए सैंपल-1,39,99,557

अब तक मिले पॉजिटिव- 7,91,750

औसत संक्रमण दर- 5.6 फीसद

(नोट : इसमें आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन दोनों तरह के सैंपल शामिल हैं।)

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