COVID-19 Second Wave: कोरोना की दूसरी लहर के बीच खतरनाक हो सकती हैं यात्राएं, सावधान रहने की जरूरत

COVID-19 Second Wave फरवरी के सर्वे में 60 फीसद लोगों ने अप्रैल से जून तक विभिन्न प्रकार की यात्राओं के नियोजन की बात कही थी। मार्च में 50 फीसद लोगों ने ऐसी बात कही। हालांकि लोगों ने यात्रा माध्यमों में बदलाव किए हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 11:55 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 11:56 AM (IST)
COVID-19 Second Wave: कोरोना की दूसरी लहर के बीच खतरनाक हो सकती हैं यात्राएं, सावधान रहने की जरूरत
गर्मी के दिनों में प्रस्तावित यात्राएं कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। COVID-19 Second Wave गर्मी के दिनों में स्कूल व कॉलेजों की छुट्टियां होती हैं। देश के कई हिस्सों में वैवाहिक कार्यक्रम भी ज्यादा होते हैं। लोग पर्वतीय और ठंडे प्रदेशों की यात्राएं करते हैं। पर्यटन स्थलों में वक्त बिताते हैं। ज्यादातर यात्राएं नियोजित होती हैं और लोग पहले ही टिकट आदि का इंतजाम कर लेते हैं। वहीं इन दिनों देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है और संक्रमितों के दैनिक आंकड़े 1.70 लाख के करीब पहुंच चुके हैं। ऐसे में गर्मी के दिनों में प्रस्तावित यात्राएं कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकती हैं। इस मुद्दे पर इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल ने एक सर्वे किया।

50 फीसद लोगों ने गर्मी के दिनों की यात्राओं को पूर्व नियोजित बताया। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बड़ी संख्या में लोग यात्राएं स्थगित कर कर सकते हैं, लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जिसके सामने रिफंड की समस्या है। ऐसे लोगों ने सरकार से दखल देने की मांग की है, ताकि टिकट, होटल व अन्य सेवाओं की बुकिंग रद करने पर उन्हें पैसे वापस मिल सकें।

लोगों ने माध्यमों में किए बदलाव, हवाई यात्रा को प्राथमिकता देने की कही बात: फरवरी के सर्वे में 60 फीसद लोगों ने अप्रैल से जून तक विभिन्न प्रकार की यात्राओं के नियोजन की बात कही थी। मार्च में 50 फीसद लोगों ने ऐसी बात कही। हालांकि, लोगों ने यात्रा माध्यमों में बदलाव किए हैं। फरवरी में 23 फीसद ने हवाई यात्रा को वरीयता देने की बात कही थी।

मार्च में इनकी भागीदारी 30 फीसद हो गई। इसी प्रकार 13 फीसद लोगों ने ट्रेन यात्रा की बात कही थी जो मार्च में सिर्फ चार फीसद रह गए। 18 फीसद ने बस, टैक्सी या कार से यात्रा की बात कही थी। मार्च में 24 फीसद ने बस, टैक्सी या कार से यात्रा को प्राथमिकता देने की बात कही।

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