Coronavirus: छत्तीसगढ़ में ई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की जाएगी ई-लोक अदालत

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के लिए 11 जुलाई का दिन खास होने वाला है। देश की पहले ई-नेशनल लोक अदालत में तीन हजार 133 मामलों की सुनवाई होगी।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 09:59 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 09:59 AM (IST)
Coronavirus: छत्तीसगढ़ में ई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की जाएगी ई-लोक अदालत
Coronavirus: छत्तीसगढ़ में ई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की जाएगी ई-लोक अदालत

रायपुर, पीटीआई। देश में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच एतिहात के तौर पर छत्तीसगढ़ में ई लोक अदालत का आयोजन गया। ऐसा पहली बार है जब राज्य स्तर पर ई लोक अदालत का आयोजन किया गया है।    इस दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन ने कहा कि कोरोना वायरस के इस कठिन दौर में ई-लोक अदालत एक नोबल विचार है। इससे एक ओर जहां केसों की पेंडेंसी कम की जा सकेगी, वहीं पक्षकारों को भी राहत पहुंचेगी।  

 साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर की ओर से शुरू की गई इस कोशिश में चीफ जस्टिस मेनन ने कहा कि कोरोना के के कारण लागू किए गए लाॅकडाउन में सार्वजनिक विभाग ठीक से काम नहीं कर पाए। साथ ही इससे न्याय व्यवस्था भी इससे प्रभावित हुई। अधिवक्ता और पक्षकार भी कठिन दौर से गुजर रहे हैं।

 एक अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस (COVID ​​-19) महामारी के बीच एहतियाती उपायों के बाद लंबित मामलों को निपटाने के प्रयास के लिए, शनिवार को छत्तीसगढ़ में एक ई-लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जहां सुनवाई आयोजित की जा रही है।

एक सरकारी प्रेस रिलीज के अनुसार, यह देश में पहली बार है कि लोक अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि शनिवार को बिलासपुर में उच्च न्यायालय सहित विभिन्न जिलों के 200 से अधिक खंडपीठों में सुनवाई के लिए 3,000 से अधिक मामले उठाए जाएंगे। 

न्यायमूर्ति मिश्रा ने बयान में कहा कि ई-लोक अदालत का उद्घाटन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी आर रामचंद्र मेनन द्वारा सुबह 10.30 बजे किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस (सीओवीआईडी ​​-19) का प्रकोप राज्य में न्यायपालिका के कामकाज पर भारी पड़ा है क्योंकि वकील और प्रभावित पक्ष भी वित्तीय संकट का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लोक अदालत आयोजित करने के कदम से वकीलों और व्यथित पक्षों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पारिवारिक विवाद, दुर्घटना के दावे और चेक बाउंस मामलों को आपसी सहमति से सुलझाया जा सकता है, जिन्हें अक्सर लोक अदालत द्वारा हल किया जाता है।

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