IIMC में 'पश्चिमी मीडिया द्वारा भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज' विषय पर विमर्श का आयोजन

भारत में कोरोना त्रासदी की विदेशी मीडिया द्वारा की गई कवरेज में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का अभाव रहा है। विदेशी मीडिया ने अपने देश की कोरोना कवरेज में संयम बरता था लेकिन भारत में हो रही मौतों को उसने सनसनी के तौर पर प्रस्तुत किया।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 06:18 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 06:18 PM (IST)
IIMC में 'पश्चिमी मीडिया द्वारा भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज' विषय पर विमर्श का आयोजन
IIMC में 'पश्चिमी मीडिया द्वारा भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज' विषय पर विमर्श का आयोजन

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में कोरोना त्रासदी की विदेशी मीडिया द्वारा की गई कवरेज में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का अभाव रहा है। विदेशी मीडिया ने अपने देश की कोरोना कवरेज में संयम बरता था, लेकिन भारत में हो रही मौतों को उसने सनसनी के तौर पर प्रस्तुत किया। यह विचार देश के प्रख्यात पत्रकारों एवं विद्वानों ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा मंगलवार को ''पश्चिमी मीडिया द्वारा भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज'' विषय पर आयोजित विमर्श में व्यक्त किए। इस मौके पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी विशेष तौर पर उपस्थित थे।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार श्री आलोक मेहता, श्री उमेश उपाध्याय, एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) की संपादक सुश्री स्मिता प्रकाश, श्री एन.के. सिंह, सीएनएन न्यूज 18 के कार्यकारी संपादक श्री आनंद नरसिम्हन, श्री के.ए. बद्रीनाथ और पटकथा लेखक सुश्री अद्वैता काला ने अपने विचार व्यक्त किये। दूसरे सत्र में पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार श्री जवाहरलाल कौल, अमर उजाला (डिजिटल) के संपादक श्री जयदीप कर्णिक, दैनिक पूर्वोदय (गुवाहाटी) के संपादक श्री रविशंकर रवि, लेखिका सुश्री शेफाली वैद्य, आलमी सहारा (उर्दू) के संपादक श्री लईक रिजवी, न्यूज 18 उर्दू के वरिष्ठ संपादक श्री तहसीन मुनव्वर, वरिष्ठ पत्रकार श्री विवेक अग्रवाल एवं आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह ने भाग लिया।

प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार श्री आलोक मेहता ने कहा कि लोकतंत्र में प्रत्येक समाचार पत्र को अभिव्यक्ति की आजादी है। ये मीडिया का कर्तव्य है कि वो कोरोना संकट को कवर करे और हालात के बारे में लोगों को बताए, लेकिन इसकी आड़ में भारत को बदनाम करने का प्रयास विदेशी मीडिया को नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया को पश्चिमी मीडिया द्वारा प्रकाशित किये जा रहे तथ्यों की जांच कर सत्य को सामने लाना चाहिए।

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