बच्चों के लिए कोवैक्सीन को जल्द मिल सकती है मंजूरी, ट्रायल में टीके की दोनों डोज देने का काम पूरा

ट्रायल के दौरान तीसरी बार जांच के लिए भेजे गए खून के नमूने। केंद्र सरकार और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) बच्चों के लिए जल्द ही कोवैक्सीन टीके को मंजूरी दे सकती है। बच्चों को टीके की दोनों डोज देने का काम पूरा।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 08:16 AM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 08:57 AM (IST)
बच्चों के लिए कोवैक्सीन को जल्द मिल सकती है मंजूरी, ट्रायल में टीके की दोनों डोज देने का काम पूरा
बच्चों के लिए कोवैक्सीन को जल्द मिल सकती है मंजूरी।(फोटो: दैनिक जागरण)

बेंगलुरु, आइएएनएस। केंद्र सरकार और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) बच्चों के लिए जल्द ही कोवैक्सीन टीके को मंजूरी प्रदान कर सकते हैं।सूत्रों ने बताया कि बच्चों को टीके की दोनों डोज देने का काम पूरा हो गया है और बच्चों में एंटीबाडी बनने को लेकर टीके की प्रभावशीलता जांचने के लिए खून के नमूने तीसरी बार भेजे जा चुके हैं। कर्नाटक में 90 बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल किया गया है। ट्रायल को पूरा होने में 210 दिनों का समय लगेगा, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में बच्चों के लिए टीका जारी करने में अभी पांच-छह महीने और इंतजार नहीं किया जा सकता। लिहाजा केंद्र सरकार और डीसीजीआइ 56 दिनों के बाद किसी भी दिन टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान कर सकते हैं। वयस्कों के लिए टीके को मंजूरी प्रदान करने में भी सरकार और डीसीजीआइ ने 210 दिन पूरे होने का इंतजार नहीं किया था।

बच्चों की वैक्सीन को तीन चरणों में मंजूरी प्रदान की जाएगी। पहले 12 साल से ऊपर, फिर छह से 12 साल के बच्चों और उसके बाद दो से छह साल के बच्चों के लिए मंजूरी प्रदान की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि ट्रायल के दौरान टीकाकरण के दिन सिर्फ 10-12 बच्चों को हल्का बुखार और दर्द महसूस हुआ, लेकिन एक-दो दिन में वे ठीक हो गए। उनमें टीके से जुड़ी कोई जटिलता नहीं मिली। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश बच्चे संक्रमित हो चुके हैं और उनमें हर्ड इम्युनिटी की स्थिति है।

बच्चों के लिए देश को मिली पहली कोरोना वैक्सीन

देश को बच्चों के लिए पहली कोरोना रोधी वैक्सीन मिल गई है। भारत के दवा महानियंत्रक ([डीसीजीआइ)] ने जायडस कैडिला की तीन डोज वाली कोरोना रोधी जायकोव-डी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। यह 12 साल के बच्चों से लेकर ब़़डों को भी लगाई जाएगी। भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ([डीबीटी)] ने शुक्रवार को कहा कि इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के साथ ही यह पहली वैक्सीन होगी जो 12-18 वषर्ष आयु के बच्चों एवं किशोरों को लगाई जाएगी।

देश में अभी तक जो वैक्सीन लगाई जा रही है वह 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए है। इसके अलावा ये सभी दो डोज वाली वैक्सीन हैं, जबकि जायकोव--डी तीन डोज की। डीबीटी ने बताया कि यह दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। अभी तक जितनी भी वैक्सीन हैं वह एम--आरएनए आधारित हैं। प्लाज्मिड डीएनए-आधारित जाइकोव-डी सार्स-कोव--2 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करती है और मजबूत प्रतिरक्षा प्रदान करती है।

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