देश में 600 मेडिकल कालेज व 50 एम्स जैसे संस्थानों की जरूरत : गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चिकित्सा व शिक्षा क्षेत्र में भी सार्वजनिक-निजी साझेदारी पर बल दिया और कहा कि देश में 600 मेडिकल कालेज और एम्स जैसे संस्थानों की जरूरत है। सड़क व बुनियादी ढांचा विकास क्षेत्र की तरह ही स्वास्थ्य व शिक्षा में भी सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) आवश्यक है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 04:47 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 04:47 AM (IST)
देश में 600 मेडिकल कालेज व 50 एम्स जैसे संस्थानों की जरूरत : गडकरी
देश में 600 मेडिकल कालेज व 50 एम्स जैसे संस्थानों की जरूरत : गडकरी

पुणे, प्रेट्र।  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को कहा कि देश में कम से कम 600 मेडिकल कालेज, 50 एम्स जैसे संस्थान व 200 सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की जरूरत है। सड़क व बुनियादी ढांचा विकास क्षेत्र की तरह ही स्वास्थ्य व शिक्षा में भी सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) आवश्यक है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने महाराष्ट्र के सतारा जिले में आयोजित कोविड योद्धाओं के सम्मान समारोह में कहा कि सहकारी क्षेत्र को भी चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना के लिए आगे आना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'एक बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत में मैंने वेंटिलेटर की कमी के बारे में बताया था। उन्होंने मुझसे पूछा कि देश में कितने वेंटिलेटर हैं। इस पर मैंने जवाब दिया कि लगभग ढाई लाख होंगे, लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि जब देश में कोरोना महामारी फैली थी तब केवल 13,000 वेंटीलेटर थे।' गडकरी ने कहा कि उस समय आक्सीजन, बिस्तर व चिकित्सा सुविधाओं की कमी थी, लेकिन डाक्टरों व चिकित्सा कर्मियों ने बहुत मदद की। गडकरी ने कहा, सरकार उन सामाजिक संस्थानों को भी सहायता देने के बारे में सोच रही है, जो चिकित्सा व शिक्षा क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मंत्री ने हर तहसील में कम से कम एक पशु अस्पताल स्थापित करने की जरूरत पर भी बल दिया।

राजमार्गो पर जलभराव की समस्या का हल निकालें

गडकरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्गो पर पानी भरने की समस्या का हल निकलाने के लिए कहा। जलमार्ग परियोजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि वर्ष 1970 में राज्यों के बीच के 17 मुद्दों में से 11 को सुलझा लिया गया, लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक व गोवा के बीच मुद्दे अब भी बरकरार हैं। गडकरी ने कहा, 'हमारे पास पानी की कमी की समस्या नहीं है, बल्कि समस्या उसके प्रबंधन की है।'

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