कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश अग्नि परीक्षा देकर बाहर आया : डॉ एस जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा है कि कोरोना महामाही के दौरान सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश था जिसने दूसरे देशों की मदद की थी दवाएं भेजीं चिकित्सा दल भेजे उन लोगों के लिए खाद्य आपूर्ति जारी रखी जिनके लिए यह बहुत महत्वपूर्ण था।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की वार्षिक बैठक 2021 को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश था जिसने दूसरे देशों की मदद की थी, दवाएं भेजीं, चिकित्सा दल भेजे, उन लोगों के लिए खाद्य आपूर्ति जारी रखी जिनके लिए यह बहुत महत्वपूर्ण था। महामारी के दौरान हमारें द्वारा की गई मदद पर आज मुझे कृतज्ञता के भाव मिलते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि जब कोरोना देश में पहली बार फैला था तब हम 2 कारणों से अलग थे, हमने जो किया उसमें हम निर्णायक और काफी हद तक प्रभावी थे। कोरोना देश में तब फैला जब हमारा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा विकसित नहीं था। खास तौर पर तब जब हमें यह नहीं पता था कि कोरोना महामारी के लिए क्या करने की आवश्यकता होगी।
सीआइआइ की वार्षिक बैठक में जयशंकर ने आगे कहा कि देश में कोरोना से जो कुछ भी हुआ उसकी गंभीरता को समझने के लिए, लोगों को प्रेरित करने के लिए सरकार ने वह सब कुछ किया जो लोगों को प्रेरित करने के लिए कर सकते थे। हमने कोरोना की पहली लहर में दूसरे देशों की मदद की थी, दूसरी लहर में अन्य देश भारत के साथ कई मायनों में साथ खड़े थे। खासकर तब जब के ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजनेटर, दवाओं के मामले में।
कोरोना महामरी की दूसरी लहर से देश अब बाहर आने लगा है, इसे देखते हुए जयशंकर ने कहा कि देश अग्नि परीक्षा देकर बाहर आया है। महामारी के शुरूवाती दिनों में दुनिया ने भारत के कोरोना के बढ़ते मामलों को देख कर यहीं सोचा होगा कि कोई भी देश इस तरह के केसलोड और महामारी की गंभीरता से कैसे निपट सकता है। कोरोना की इस जंग में आज हम कहां कड़े है, मुझे लगता है कि दुनिया समझती है और सराहना करती हैं कि हमने राष्ट्रीय संकल्प दिखाया है।