Coronavirus Vaccine News: देश में टीकाकरण की तैयारी, ऐसे करें पंजीयन, इन्हें मिलेगी वरीयता

50 से अधिक उम्र के लोगों समूह को दो उपवर्गों में बांटा गया है- 60 से ऊपर और 50-60 साल से अधिक। हालिया लोकसभा व राज्यसभा की निर्वाचक सूची का इस्तेमाल करते हुए ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 11:59 AM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 02:41 PM (IST)
Coronavirus Vaccine News: देश में टीकाकरण की तैयारी, ऐसे करें पंजीयन, इन्हें मिलेगी वरीयता
रेलवे स्टेशनों पर वैक्सीन के भंडारण की व्यवस्था की जा रही है।

नई दिल्ली, रायटर। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए टीकाकरण की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को जुलाई 2021 तक वैक्सीन की दो-दो खुराक दी जानी है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी मिल गई है, लेकिन उसने जुलाई तक महज 30 करोड़ खुराक ही उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है। अब सवाल उठता है कि बाकी 30 करोड़ खुराक कहां से आएगी? सरकार इसकी व्यवस्था कहां से करेगी?

15 करोड़ लोगों के लिए कहां से आएगी वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक : सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को जुलाई 2021 तक कोविशील्ड की 30 करोड़ खुराक आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक दी जानी है, ऐसे में कोविशील्ड की आपूर्ति से सिर्फ 15 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो पाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर हर्शल आर साल्वे कहते हैं, ‘हमें दूसरी वैक्सीन को भी हरी झंडी देनी होगी, ताकि सामुदायिक टीकाकरण में उसे शामिल किया जा सके। लगता है कि टीकाकरण अभियान की सफलता कोवैक्सीन की सफलता पर निर्भर करेगी।

दूसरी कंपनियों के साथ नहीं हुआ करार : भारत ने वैक्सीन की खरीद के लिए फाइजर या मॉडर्ना जैसी वैक्सीन निर्माता कंपनियों के साथ पहले से करार नहीं किया है। हालांकि, दोनों कंपनियों के साथ खरीद और उत्पादन के लिए बातचीत चल रही है। फाइजर ने भारत में आपातकालीन मंजूरी की मांग भी की है। फिलहाल दोनों कंपनियों की वैक्सीन की मांग ज्यादा है। ऐसे में इन कंपनियों की वैक्सीन को भारत आनन-फानन में मंजूरी दे भी देता है तो खुराक की खेप यहां आने में वक्त लगने की संभावना रहेगी।

हर्ड इम्युनिटी के लिए जरूरी : कोविड-19 के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी के विकास के लिए कम से कम 70 फीसद आबादी का टीकाकरण जरूरी है। ऐसे में भारत में 90 करोड़ लोगों को वैक्सीन की  दो खुराक देनी होगी। अगर किसी अन्य को भी हरी झंडी मिलती है तो 90 करोड़ लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की 180 करोड़ खुराक की जरूरत होगी।

इन वैक्सीन पर सबसे ज्यादा भरोसा : भारत में विकसित हो रही दो वैक्सीन कोविशील्ड व कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए हरी झंडी मिल गई है। कोविशील्ड का भारत में उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट कर रही है, जबकि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद (आइसीएमआर) से हाथ मिलाया है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की विशेषज्ञ समिति ने कोविशील्ड के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए इजाजत देने की सिफारिश की थी।

टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर : देश में टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। कोल्ड स्टोर, फ्रीजर, रेफ्रिजरेटर, डीप फ्रीजर आदि की खरीदारी हो चुकी है और राज्यों को इनकी आपूर्ति भी हो चुकी है। हवाई अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर वैक्सीन के भंडारण की व्यवस्था की जा रही है।

कैसे मिलेगी कोरोना वैक्सीन : सरकार ने आठ महीनों में 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण की योजना की है। इसके लिए ड्राई रन जारी है। शनिवार को देश में टीकाकरण की तैयारियां परखी गईं। टीकाकरण कभी भी शुरू हो सकता है।

इन्हें मिलेगी वरीयता : सरकारी व निजी क्षेत्र के करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (एनईजीवीएसी) की सिफारिश अहम होगी। वरीयता श्रेणी में अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले एकीकृत बाल विकास सेवा कर्मी, नर्स, सुपरवाइजर, चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ, सपोर्ट स्टाफ व छात्र शामिल होंगे। इनके आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।

ऐसे करें पंजीयन : कोविन वेबसाइट पर पर खुद को पंजीकृत करें। इसके बाद सरकार की तरफ से जारी फोटो पहचान पत्र या आधार अपलोड करें। बायोमीट्रिक या ओटीपी प्रणाली के जरिये इसकी पुष्टि की जाएगी। पंजीयन के बाद टीकाकरण के लिए तिथि और समय का आवंटन हो जाएगा। मौके पर पंजीयन नहीं किया जाएगा। 

पुलिस व निगम कर्मी : अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले राज्य व केंद्रीय पुलिस बल के जवान, होम गार्ड, आपदा प्रबंधन व नागरिक संगठन कर्मी, जेल कर्मी, निकाय कर्मी, राजस्व कर्मी आदि को टीकाकरण में वरीयता दी जाएगी। इनकी संख्या करीब दो करोड़ है। 

संवेदनशील क्षेत्र: राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के जिन इलाकों में कोरोना के मामले ज्यादा आ रहे हैं, वहां रहने वालों को टीकाकरण में वरीयता दी जाएगी।

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