आईआईटी मंडी का एंटीबैक्टीरियल मैटीरियल मजबूत करेगा मास्क और पीपीई किट का सुरक्षा चक्र

इस मैटीरियल को स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित जायसवाल के नेतृत्व में शोधार्थी प्रवीण कुमार शौनक रॉय और अंकिता सकरकर ने बनाया है। अमित जायसवाल ने बताया कि इस तकनीक के इस्तेमाल से मास्क और पीपीई किट ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 11:15 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 11:15 AM (IST)
आईआईटी मंडी का एंटीबैक्टीरियल मैटीरियल मजबूत करेगा मास्क और पीपीई किट का सुरक्षा चक्र
इस तकनीक के इस्तेमाल से मास्क और पीपीई किट ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।

नई दिल्ली, जेएनएन। आईआईटी मंडी ने ऐसा एंटीबैक्टीरियल, वायरस फिल्टर और सेल्फ क्लीनिंग मैटीरियल का निर्माण किया है जो मास्क और पीपीई किट के सुरक्षा चक्र को मजबूत करेगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस खास मास्क से व्यक्ति को सांस लेने में भी कोई कठिनाई नहीं आएगी। शोध के परिणाम हाल ही में अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के प्रतिष्ठित जर्नल- एप्लाइड मैटीरियल्स एंड इंटरफेसेज में प्रकाशित हुए हैं। रोगाणुओं को मारने और रोशनी में साफ होने के अलावा कोविड वायरस (120 नैनोमीटर) आकार के 96 प्रतिशत कणों को छान सकते हैं। 

इस मैटीरियल को स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित जायसवाल के नेतृत्व में शोधार्थी प्रवीण कुमार, शौनक रॉय और अंकिता सकरकर ने बनाया है। अमित जायसवाल ने बताया कि इस तकनीक के इस्तेमाल से मास्क और पीपीई किट ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। इस मास्क का निर्माण किया गया है जो सिर्फ धूप में रखने से ही दोबारा प्रयोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगा। यदि इस मास्क को साबुन से कई बार भी धो देंगे तो भी यह इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रहेगा और वायरस की रोकथाम में कारगर साबित होगा। इस मास्क को बनाने के लिए पॉलिकॉटन फैब्रिक का इस्तेमाल किया गया है। 

अमित जायसवाल का कहना है कि फेसमास्क को आपदा के समय सबसे प्रमुख चीज के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यत : इन्हें ऐसे डिजाइन किया जाता है जो बाहरी वातावरण से लड़ाई में अवरोधक की भूमिका निभाते हैं। पर इन्हें एंटीमाइक्रोबियल एजेंट के तौर पर भी काम करना चाहिए। बार-बार इस्तेमाल होने वाले मास्क में तो यह बेहद जरूरी है। जायसवाल ने कहा कि पीपीई को सही तरीके से डिस्पोज करना चाहिए वरना यह ट्रांसमिशन का स्रोत साबित होते हैं। 

फैब्रिक में मोलिब्डेनम सल्फाइड, एमओएस2 के नैनोमीटर आकार की शीट शामिल की गई है। इनके धारदार किनारे और कोने चाकू की तरह बैक्टीरिया और वायरल झिल्ली को छेद कर उन्हें मार देते हैं। मोलिब्डेनम सल्फाइड के नैनोशीट्स माइक्रोबियल मेम्ब्रेन को ध्वस्त करने के अतिरिक्त प्रकाश में आने पर संक्रमण से मुक्ति भी देते हैं> मोलिब्डेनम सल्फाइड फोटोथर्मल गुणों का प्रदर्शन करते हैं यानी यह सौर प्रकाश को ग्रहण करते और इसे ताप में बदल देते हैं जो रोगाणुओं को मारता है। 

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