COVID-19: खांसी और छींक से संक्रमण का बड़ा खतरा, इस तरह वातावरण में पहुंचता है वायरस

COVID-19 डॉ. ब्रोमेज ने बताया है कि लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों को हटाने के साथ ही संक्रामक रोग किस तरह से फैलते हैं। वे विभिन्न स्थितियों में कोरोना वायरस के जोखिम का आकलन करते हैं

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 09:54 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 10:53 AM (IST)
COVID-19: खांसी और छींक से संक्रमण का बड़ा खतरा, इस तरह वातावरण में पहुंचता है वायरस
COVID-19: खांसी और छींक से संक्रमण का बड़ा खतरा, इस तरह वातावरण में पहुंचता है वायरस

नई दिल्‍ली। Coronavirus infection from cough and sneezing: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बावजूद दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन की पाबंदियों को हटाया जा रहा है। लोग अपनी पुरानी दिनचर्या की ओर लौट रहे हैं, जिनमें सुबह से लेकर रात तक कई ऐसे काम होते हैं, जिनमें लोगों को कई स्थानों पर जाना होता है। यह स्थान कितने सुरक्षित हैं और यहां पर आपको कोरोना के संक्रमण का कितना खतरा हो सकता है, यह सवाल हर किसी के मन में है।

ऐसे में अमेरिका के मेसाचुसेट्स विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. एरिन ब्रोमेज ने कोरोना के खतरों के प्रति आगाह किया है। डॉ. ब्रोमेज ने बताया है कि लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों को हटाने के साथ ही संक्रामक रोग किस तरह से फैलते हैं। वे विभिन्न स्थितियों में कोरोना वायरस के जोखिम का आकलन करते हैं। उनका निष्कर्ष है कि घर के बाहर आपको वायरस से संक्रमित होने का डर कम है। आइये जानते हैं कि किस स्थान पर किस स्तर तक कोरोना का असर होता है।

खांसी और छींक से संक्रमण का बड़ा खतरा, वातावरण में पहुंचता है इतना वायरस

बाथरूम: बाथरूम में कई स्पर्श करने योग्य बहुत सी सतह होती है। जैसे दरवाजों के हैंडल, नल आदि। इस वातावरण में संक्रमण के प्रसार का खतरा ज्यादा हो सकता है। इसलिए सार्वजनिक बाथरूम का इस्तेमाल अतिरिक्त सावधानी से करें। अन्यथा हम जोखिम में पड़ सकते हैं। खांसी: एक बार खांसी आने पर यह 3000 बूंदों को छोड़ती हैं। यह बूंदे 80 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा करती हैं। ज्यादातर बूंदें बड़ी होती हैं और जल्द ही गुरुत्वाकर्षण के कारण गिर जाती हैं, लेकिन बहुत सी हवा में रहती हैं और कुछ सेकेंड में एक कमरे के बाहर तक जा सकती हैं। छींक: एक छींक करीब 30 हजार बूंदों को छोड़ती हैं, यह बूंदें 321 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा कर सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है, तो एक खांसी या छींक में बूंदों में 20 करोड़ वायरस कणों हो सकते हैं। सांस: एक सांस में 50-5000 बूंदे छोड़ी जाती हैं। नाक से सांस लेने पर कम बूंदें निकलती हैं। महत्वपूर्ण है कि सांस छोड़ने के दौरान बल में कमी के कारण निचले श्वसन क्षेत्रों से वायरल कणों बाहर नहीं आ पाते हैं।

छींकने और खांसने के विपरीत सांस लेने में निकलने वाली बूंदों में वायरस का स्तर कम होता है। हमारे पास कोविड-19 को लेकर कोई संख्या नहीं है, लेकिन इंफ्लूएंजा को हम मार्गदर्शक मान सकते हैं। अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि इंफ्लूएंजा से संक्रमित व्यक्ति प्रति मिनट 33 संक्रामक वायरल र्पािटकल्स प्रति मिनट छोड़ सकता है। हालांकि उन्होंने इस सूत्र को समझाने के लिए 20 का उपयोग किया है।

एक व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए छोटी खुराक ही काफी

डॉ. ब्रोमेज बताते हैं कि ज्यादातर लोग अपने घरों में संक्रमित हो रहे हैं। घर का एक सदस्य समाज में वायरस की चपेट में आता है और वह उसे घर ले आता है। जहां पर घर के दूसरे सदस्य भी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। लेकिन समाज में लोग संक्रमण को कहां से ला रहे हैं? यह बड़ा सवाल है, जिसका जवाब उन्होंने दिया है। उन्होंने बताया कि संक्रमित होने के लिए आपको वायरस की एक संक्रामक खुराक की आवश्यकता होती है। अन्य कोरोना वायरस के संक्रामक खुराक के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि इसके संक्रमण के लिए एक छोटी खुराक ही काफी हो सकती है।

कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि संक्रमण के लिए 1,000 सार्स-सीओवी-2 संक्रामक वायरल कणों की आवश्यकता होगी। हालांकि यह निश्चित करने के लिए फिलहाल इस पर और प्रयोग करने की आवश्यकता है, लेकिन हम इस संख्या का उपयोग करके दिखा सकते हैं कि कैसे संक्रमण हो सकता है। उस स्थिति में संक्रमण हो सकता है, जब आप 1000 संक्रामक वायरल कणों एक सांस में या एक आंख को रगड़ने से प्राप्त करते हैं या फिर प्रत्येक सांस के साथ 100 से अधिक वायरल कणों 10 से अधिक बार आपकी सांसों में के जरिये शरीर में जाते हैं। ये सभी परिस्थितियां संक्रमण पैदा कर सकती हैं।

इतने समय में हो जाएंगे संक्रमित इस सूत्र के जरिये उन्होंने बताया है कि यदि कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो 20 करोड़ वायरल कणों हर जगह होते हैं। कुछ हवा में होते हैं, कुछ जमीन पर गिर जाते हैं। यदि आप किसी व्यक्ति के साथ आमने-सामने हैं और बातचीत कर रहे हैं। इसी दौरान वह सीधे आप पर छींकता है या खांसता है, तो यह बहुत संभव है कि 1,000 वायरस कणों आप सांस के जरिये शरीर में ले जाते हैं और संक्रमित हो जाते हैं। वह खांसी या छींक आप की ओर नहीं थी तो भी छोटी से छोटी कुछ संक्रमित बूंदें कुछ मिनटों के लिए हवा में रह सकती हैं। यह बूंदे एक सामान्य आकार के कमरे को संक्रामक वायरल कणों से भर सकती हैं। जब आप इस कमरे में कुछ मिनटों के लिए सांस लेते हैं तो आप संक्रमित हो जाते हैं। सामान्य श्वास के साथ 20 वायरल कणों प्रति मिनट वातावरण में विचरण करते हैं और आप करीब 50 मिनट में एक हजार वायरल कणों को ग्रहण करते हैं। वहीं बोलने से श्वसन बूंदों की रिहाई लगभग 10 गुना बढ़ जाती है और यह 200 वायरस कणों प्रति मिनट तक पहुंच जाती है। इससे करीब 5 मिनट एक हजार वायरल कणों को आपके शरीर में पहुंचने में लगते हैं। डॉ. ब्रोमेज के अनुसार, वायरस एक्स टाइम फॉर्मूला संपर्क ट्रेसिंग का आधार है। आमने-सामने की स्थिति में आप संक्रमित के साथ 10 मिनट से अधिक समय बिताते हैं, तो आपके संक्रमित होने की संभावना रहती है। इससे अधिक की अवधि में स्थान साझा करने वाले संक्रमित हो सकते हैं। यह उनके लिए महत्वपूर्ण है जो घर में रहते हैं। छींक और खांसी में इतने वायरस होते हैं जो पूरे कमरे को संक्रमित कर सकते हैं।

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