मध्य प्रदेश में एक महीने बाद 15 फीसद से नीचे आई कोरोना की संक्रमण दर

पिछले महीने संक्रमण दर 25 फीसद तक पहुंच गई थी। यानी जांच कराने वाला हर चौथा व्यक्ति पॉजिटिव आ रहा था। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार नौ अप्रैल को संक्रमण दर 13.2 फीसद थी। इसके बाद यह दर 15 फीसद के ऊपर ही रही।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 10:24 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:24 PM (IST)
मध्य प्रदेश में एक महीने बाद 15 फीसद से नीचे आई कोरोना की संक्रमण दर
66,016 सैंपल की जांच में 9754 मरीज मिले

भोपाल, जेएनएन। राहत की बात है कि मध्य प्रदेश में कोरोना की संक्रमण दर लगातार कम होते हुए शनिवार को 15 फीसद से नीचे पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, सोमवार को प्रदेश भर में 66, 016 सैंपलों की जांच की गई थी। इनमें 9754 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। संक्रमण दर 14.7 फीसद रही।

पिछले महीने संक्रमण दर 25 फीसद तक पहुंच गई थी। यानी जांच कराने वाला हर चौथा व्यक्ति पॉजिटिव आ रहा था। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, नौ अप्रैल को संक्रमण दर 13.2 फीसद थी। इसके बाद यह दर 15 फीसद के ऊपर ही रही।

गौरतलब है कि जांचें गए सैंपलों की संख्या रविवार को छोड़कर पिछले एक हफ्ते में 65 हजार से ऊपर ही रही है। इनमें 25000 से लेकर 27000 तक सैंपलों की जांच रैपिड एंटीजन किट से हो रही है। बाकी जांच आरटी-पीसीआर तकनीक से की जा रही है। सोमवार को विभिन्न जिलों में 94 मरीजों की मौत इस बीमारी से हुई है, जबकि 9517 मरीज स्वस्थ हुए हैं। प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 01,11,366 हो गई है।

फेफड़े 80 फीसद खराब होने के बाद भी डॉक्टर ने दवाओं, योग और हौसले से जीती कोरोना से जंग

मध्य प्रदेश के सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) के छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. सतेंद्र मिश्रा फेफड़े में 80 फीसद संक्रमण के बाद भी कोरोना को हराकर लौट आए हैं। उन्होंने 21 दिनों तक कोरोना से लड़ाई लड़ी। उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से हैदराबाद ले जाया गया था। दवाओं, योग और मजबूत मनोबल के भरोसे उन्होंने कोरोना को मात दे दी।

डॉ. सत्येंद्र मिश्रा ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गए थे। संक्रमण बहुत ज्यादा बढ़ने से सागर में उनका इलाज नहीं हो पाया। इस बीच उनके साथी डॉ. उमेश पटेल ने उनकी जान बचाने के लिए इंटरनेट मीडिया पर एक अपील करते हुए वीडियो डालकर मदद मांगी। स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद मांगी और फिर प्रशासन भी आगे आया। कलेक्टर ने विशेष अनुमति देकर रविवार के दिन बैंक खुलवाया और एयर एंबुलेंस और इलाज के लिए रुपये जमा करवाए। डॉ. मिश्रा को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भोपाल लाया गया। यहां से एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के यशोदा अस्पताल ले जाया गया। यदि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होता तो फेफड़ों के प्रत्यारोपण की भी तैयारी थी।

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