क्‍या नोट और सिक्कों से भी फैल सकता है कोरोना संक्रमण, वैज्ञानिकों ने दिया जवाब, आप भी जानें

नोट या सिक्कों से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका को लेकर यूरोपीयन सेंट्रल बैंक के विशेषज्ञों और जर्मनी की रूहर-यूनिवर्सिटी बोखम के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया है। जानें नोट या सिक्‍कों से कोरोना के फैलने की आशंका कितनी है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 08:32 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:07 PM (IST)
क्‍या नोट और सिक्कों से भी फैल सकता है कोरोना संक्रमण, वैज्ञानिकों ने दिया जवाब, आप भी जानें
नोट या सिक्कों से कोरोना वायरस के फैलने की संभावना के बारे में वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है...

लंदन, आइएएनएस। नोट और सिक्कों से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका में दूसरी लहर के दौरान आनलाइन भुगतान का चलन बढ़ा है। परंतु, एक अध्ययन में यह सामने आया है कि नोट या सिक्कों से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका नहीं है। यूरोपीयन सेंट्रल बैंक के विशेषज्ञों और जर्मनी की रूहर-यूनिवर्सिटी बोखम के शोधकर्ताओं ने नोट और सिक्कों से कोरोना वायरस के फैलने की संभावना का पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया।

अध्ययन में स्टेनलेस स्टील की सतह पर अलग-अलग तरह के नोट, सिक्के और पीवीसी के बने बैंक क्रेडिट कार्ड रखे गए। विशेषज्ञों ने इन्हें नुकसान नहीं पहुंचाने वाले कोरोना वायरस के साथ ही कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 वायरस से संक्रमित कराया।

अध्ययन में पाया गया कि स्टील की सतह पर तो वायरस सात दिनों तक बना रहा, लेकिन नोट और सिक्कों पर यह दो से छह दिन में गायब हो गया। पांच सेंट के तांबे के सिक्के पर वायरस मात्र एक घंटे ही टिक सका। विज्ञानियों ने पाया कि नोट या सिक्कों से सार्स-कोव-2 वायरस के फैलने का खतरा न के बराबर है। 

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जब कोविड-19 की वजह से मरने वालों की संख्या 1500 से ज्‍यादा हो गई थी तब चीन के सभी बैंकों को यह निर्देश दिया गया था कि वे संभावित रूप से कोरोना संक्रमित करेंसी नोट वापस ले लें और उन्हें सेनेटाइज करने का काम करें। इससे पहले हुए एक अन्‍य अध्‍ययन के मुताबिक कोरोना वायरस कांच और प्लास्टिक वाली सतहों की तुलना में कागज और कपड़े पर कम दिनों तक जीवित रह सकता है।

इस साल की शुरुआत में आईआईटी मुंबई के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया था कि कांच और प्लास्टिक वाली सतहों की तुलना में कागज और कपड़े पर कोरोना कम दिनों तक जीवित रह सकता है। वैज्ञानिकों ने अध्‍ययन में पाया कि वायरस कांच पर चार दिन और प्लास्टिक एवं स्टेनलेस स्टील पर सात दिनों तक जीवित रह सकता है।

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