Coronavirus: अनलॉक-2 पर कैबिनेट सचिव ने की राज्यों के अधिकारियों से बात

इस बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव शामिल हुए।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 07:19 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 07:19 AM (IST)
Coronavirus: अनलॉक-2 पर कैबिनेट सचिव ने की राज्यों के अधिकारियों से बात
Coronavirus: अनलॉक-2 पर कैबिनेट सचिव ने की राज्यों के अधिकारियों से बात

नई दिल्ली, प्रेट्र। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शनिवार को 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना के हालात और अनलॉक-2 में चरणबद्ध तरीके से रियायतें और बढ़ाने के मसले पर बात की। बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव शामिल हुए। माना जा रहा है कि मुख्य सचिव ने अनलॉक-2 के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने और कोरोना के हालात पर कड़ी निगरानी रखने पर जोर दिया। अधिकारियों ने यह भी कहा कि कैबिनेट सचिव ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि दिशानिर्देशों के तहत आर्थिक गतिविधियों के लिए जो छूट दी गई है उसे और बढ़ाया जाए ताकि सामान्य जनजीवन शुरू हो सके।

इस बीच कार्मिक मंत्रालय ने केंद्रीय और प्रादेशिक प्रशिक्षण संस्थानों को 15 जुलाई से फिर खोलने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (standard operating procedure, SOP) जारी कर दिया है। इसमें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए इन संस्थानों द्वारा उठाए जाने वाले जरूरी कदमों का उल्लेख किया गया है। एसओपी के मुताबिक, 'जहां तक संभव हो प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजिटल/ऑनलाइन/ वर्चुअल मोड में आयोजित किए जाएंगे। जहां फिजिकल मोड में प्रशिक्षण आयोजित करना जरूरी हो वहां प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि की सावधानी पूर्वक समीक्षा की जानी चाहिए ताकि पाठ्यक्रम को डिजिटल और फिजिकल मोड में विभाजित करके ज्यादा सुसंगत बनाया जा सके।'

एसओपी के अनुसार, संबंधित प्रशिक्षण संस्थानों को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित कोविड से संबंधित प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा होगा इनमें शारीरिक दूरी का पालन, मास्क पहनना इत्यादि शामिल हैं। इसके मुताबिक गर्भवती व दुग्धपान कराने वाली महिलाओं, दमा या फेफड़े की अन्य बीमारियों वाले लोगों, उच्च रक्तचाप के रोगियों, किडनी रोगियों, गंभीर हृदय रोगियों को खतरा अधिक है लिहाजा ऐसे प्रशिक्षुओं को अपनी वर्तमान तैनाती या प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान के संस्थान से ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में हिस्सा लेना चाहिए।

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