कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कारगर रही कोविशील्ड: अध्ययन

ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआइ) के नेतृत्व में भारतीय शोधकर्ताओं की एक बहु-संस्थागत टीम ने भारत में इस साल अप्रैल और मई के बीच COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान कोविशील्ड टीके की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 02:00 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 07:18 AM (IST)
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कारगर रही कोविशील्ड: अध्ययन
दूसरी लहर के दौरान कोविशील्ड 63 प्रतिशत कारगर रही : अध्ययन

नई दिल्ली, प्रेट्र।  देश में इस साल अप्रैल और मई में डेल्टा वैरिएंट के कारण कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर के चरम पर होने के दौरान कोरोना वैक्सीन के  दोनों डोज लेने वाले लोगों में संक्रमण से बचाव करने में कोविशील्ड (Covishield) 63 प्रतिशत कारगर रही। एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। कोविशील्ड के ओमीक्रोन (Omicron variant) पर असर को लेकर भी अध्ययन जारी है।

यह अध्ययन, 'लैंसेट इंफेक्सियस डिजीज' जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के दौरान सार्स-सीओवी2 संक्रमण के 2,379 पुष्ट मामलों और 1,981 नियंत्रित मामलों की तुलना की गई। इसके मुताबिक, पूर्ण टीकाकरण करवा चुके लोगों में टीका 63 प्रतिशत प्रभावी पाया गया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में इस अध्ययन को साझा किया है। मंत्रालय ने कहा कि यह अध्ययन टीके के मौजूदा प्रभाव और टीकाकरण के प्रति प्रतिरक्षात्मक प्रतिक्रिया पर व्यापक आंकड़े प्रदान करता है, जोकि नीति निर्धारण में मददगार साबित हो सकता है।

ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआइ) के नेतृत्व में भारतीय शोधकर्ताओं की एक बहु-संस्थागत टीम ने भारत में इस साल अप्रैल और मई के बीच दूसरी लहर के दौरान कोविशील्ड टीके की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया। कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने वैश्विक वैक्सीन साझाकरण कार्यक्रम COVAX के तहत निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वितरण के लिए वैक्सीन निर्यात को एक बार फिर शुरू कर दिया है। इस महीने की शुरुआत में, WHO ने कोविशील्ड वैक्सीन को स्वीकृत आपातकालीन उपयोग COVID-19 वैक्सीन की अपनी लिस्ट में जगह दी है।

उल्लेखनीय है कि साल 2019 के अंत में कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी जो 2-3 माह के भीतर ही पूरी दुनिया में फैल गई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे मार्च 2020 में महामारी घोषित कर दिया। महामारी की शुरुआत से ही अमेरिका सबसे बुरे दौर से गुजरा। 

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