रक्षा पीएसयू व ओएफबी के चिकित्सा केंद्रों में किया जाएगा कोरोना मरीजों का इलाज : राजनाथ सिंह
मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी और अन्य अधिकारी शामिल हुए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) और आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के सभी चिकित्सा केंद्रों को कोरोना वायरस से संक्रमित आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दे दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय महामारी से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
रक्षा मंत्री ने भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के विरुद्ध लड़ाई में सहयोग कर रहीं मंत्रालय की विभिन्न इकाइयों के प्रयासों की शनिवार को समीक्षा करने के बाद ये बातें कहीं। राजनाथ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक की जिसमें चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी और अन्य अधिकारी शामिल हुए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि डीआरडीओ दिल्ली हवाई अड्डे के निकट स्थित अपने सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल में 250 और बिस्तरों का प्रबंध करेगा। इसके बाद अस्पताल में बिस्तरों की कुल संख्या बढ़कर 500 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गुजरात में 1,000 बिस्तरों वाले अस्पताल का संचालन शुरू हो चुका है। लखनऊ में कोरोना उपचार केंद्र का निर्माण कार्य पूरे जोर-शोर के साथ चल रहा है और अगले पांच-छह दिन में उसका संचालन शुरू हो जाएगा। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से अस्पताल का संचालन करेगा।
बता दें कि कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सेना के तीनों अंगों के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय की अन्य इकाइयां भी विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहयोग प्रदान कर रही हैं। कोरोना रोगियों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही मेडिकल आक्सीजन का तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने के लिए वायुसेना ने शुक्रवार से खाली आक्सीजन टैंकरों और कंटेनरों को देश के विभिन्न फिलिंग स्टेशनों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया। इसके अलावा वायुसेना देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना अस्पतालों के लिए दवाओं के साथ-साथ आवश्यक उपकरणों की भी ढुलाई कर रही है।