कोरोना का कहर: सूरत में जल रही दिन रात चिताएं, गर्मी से पिघलने लगीं शवदाह गृह की चिमनियां

गुजरात में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित राज्य के शहरों में सूरत भी शामिल है। यहां महामारी की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गैस शवदाह गृह में दिन रात शव जलाए जा रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 10:22 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 10:22 PM (IST)
कोरोना का कहर: सूरत में जल रही दिन रात चिताएं, गर्मी से पिघलने लगीं शवदाह गृह की चिमनियां
गुजरात के कई शहरों में तेजी से फैल रहा है कोरोना संक्रमण।

सूरत, प्रेट्र। गुजरात में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित राज्य के शहरों में सूरत भी शामिल है। यहां महामारी की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गैस शवदाह गृह में दिन रात शव जलाए जा रहे हैं। चिताओं की गर्मी से शवों को जलाने के लिए बनाए गए लोहे के चैंबर और चिमनियां पिघलने लगी हैं।

श्मशान में गैस आधारित चैंबर रात दिन काम कर रहे हैं

अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से कुरुक्षेत्र श्मशान और अश्विनी कुमार श्मशान में करीब 16 गैस आधारित चैंबर रात दिन काम कर रहे हैं। कोरोना से इतनी ज्यादा संख्या में लोगों की मौत हो रही है कि चैंबरों की मरम्मत करने का मौका ही नहीं मिल रहा है।

लगातार शवों के जलने से पिघलने लगीं चिमनियां

गैस आधारित चैंबर में लोहे के फ्रेम बने हैं, जिन पर शवों को रखकर जलाया जाता है। हर चैंबर में लोहे की एक चिमनी भी होती है। अधिकारियों ने बताया कि लगातार शवों को जलाए जाने से फ्रेम और चिमनियां अत्यधिक गरम हो जा रही हैं और इसकी वजह से वग पिघलने लगी हैं।

कुरुक्षेत्र श्मशान में रोजाना 100 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा

कुरुक्षेत्र श्मशान का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट के प्रेसिडेंट कमलेश सैलर ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते रोजाना औसतन 20 की जगह 100 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अकेले सूरत शहर में ही पिछले कुछ दिनों से कोरोना के चलते रोजाना 18-19 मौतें हो रही हैं।

कुरुक्षेत्र श्मशान में शवों को जलाने के लिए छह चैंबर

सैलर के मुताबिक कुरुक्षेत्र श्मशान में शवों को जलाने के लिए छह चैंबर हैं, जो दिनों रात चल रहे हैं और इसकी वजह से उनका तापमान 600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जा रहा है। तापमान बढ़ने से चैंबर में लगे लोहे के फ्रेम और चिमनी पिघलने और टूटने लगी हैं।

अश्विनी कुमार श्मशान में गैस के 10 चैंबर हैं, रोजाना 90-95 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा

अश्विनी कुमार श्मशान में भी ऐसी ही परेशानी सामने आई है। श्मशान के प्रबंधक प्रशांत कब्रवाला ने कहा कि यहां गैस के 10 चैंबर हैं। पहले जहां रोजाना 30 शव जलाए जाते थे अब इनकी संख्या 90-95 हो गई है। अत्यधिक तापमान को रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। लकड़ी की चिता की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। अभी इस तरह की तीन चिताएं थी, जिनकी संख्या पांच किया जा रहा है।

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