बदलते स्वरूप के साथ ज्यादा खतरनाक हो रहा कोरोना, इन वैरिएंट से मच रही तबाही, तीसरी लहर होगी अधिक घातक

डबल म्यूटेंट वैरिएंट को ताजा संक्रमण के लिए माना जा रहा जिम्मेदार। 27 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशो में ब्रिटिश और डबल म्यूटेंट वैरिएंट के पहुंचने की हो चुकी है पुष्टि। पिछले साल जनवरी से सितंबर तक पूरी दुनिया में हर महीने दो वैरिएंट रिपोर्ट किए गए।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:15 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:02 PM (IST)
बदलते स्वरूप के साथ ज्यादा खतरनाक हो रहा कोरोना, इन वैरिएंट से मच रही तबाही, तीसरी लहर होगी अधिक घातक
बदलते स्वरूप के साथ ज्यादा खतरनाक हो रहा कोरोना, इन वैरिएंट ने मचा रही तबाही, तीसरी लहर होगी अधिक घातक

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लगातार हो रहे म्यूटेशन के कारण कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक रुख अख्तियार करता जा रहा है। कोरोना की पहली लहर में काफी हद तक सुरक्षित निकलने वाले भारत में कोरोना के दो नए वैरिएंट ने तबाही मचा दी है। इनमें भी भारत में पहली बार देखे गए डबल म्यूटेंट वैरिएंट को ताजा संक्रमण के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के अनुसार चार मई तक देश के 27 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में ब्रिटिश और डबल म्यूटेंट वैरिएंट के पहुंचने की पुष्टि हो चुकी है।

भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डाक्टर के विजय राघवन ने अक्टूबर के बाद पूरी दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर के लिए इसी वैरिएंट को जिम्मेदार ठहराया है। पिछले साल जनवरी से लेकर सितंबर तक पूरी दुनिया में हर महीने कोरोना वायरस के दो वैरिएंट रिपोर्ट किए गए। ये वैरिएंट भी काफी हद तक पुराने कोरोना वायरस की तरह ही थे और इनके कारण संक्रमण बढ़ने का खतरा नहीं था। लेकिन सितंबर के अंत में तीन वैरिएंट ऐसे मिले, जो पूरी दुनिया में ¨चता का सबब बन गए। ये वैरिएंट ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में देखे गए, जो इन देशों के साथ-साथ यूरोप और अमेरिका के कई देशों में दूसरी लहर का कारण बने।

भारत में भी पंजाब और गुजरात में संक्रमण के लिए मुख्य तौर पर ब्रिटिश वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है, जबकि महाराष्ट्र में डबल म्यूटेंट वैरिएंट को। दिल्ली में ब्रिटिश और डबल म्यूटेंट दोनों वैरिएंट देखे गए हैं। वैसे एनसीडीसी के निदेशक सुजीत कुमार ¨सह कहते हैं कि डबल म्यूटेंट वैरिएंट भले ही सभी राज्यों में पाया जा रहा हो, लेकिन दूसरी लहर के लिए सीधे इसे जिम्मेदार ठहराने लायक डाटा अभी हमारे पास नहीं है।

सरकार आधिकारिक रूप से भारत में दूसरी लहर के लिए भले ही डबल म्यूटेंट वैरिएंट को जिम्मेदार नहीं बता रही हो, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य विज्ञानी सौम्या स्वामीनाथन इसे प्रमुख कारण मानती हैं। स्वामीनाथन ने यह भी साफ कर दिया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन जल्द ही डबल म्यूटेंट वैरिएंट को 'वैरिएंट आफ कंसर्न' घोषित कर सकता है। यानी इस वैरिएंट को लेकर पूरी दुनिया को ¨चतित होने की जरूरत है।

तीसरी लहर के दूसरी से ज्यादा घातक होने का अंदेशा

समस्या सिर्फ दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार वैरिएंट की नहीं है। दूसरी लहर धीरे-धीरे पीक तक पहुंचने भी लगी है। चिंता इस बात की है कि हर दिन नए-नए वैरिएंट के सामने आने से कोरोना की तीसरी लहर कहीं दूसरी से भी ज्यादा घातक नहीं हो जाए। डाक्टर के विजयराघवन साफ-साफ इस खतरे की ओर संकेत कर चुके हैं। ¨चता इस बात की भी है कि कहीं कोरोना के नए वैरिएंट के सामने मौजूदा वैक्सीन की सुरक्षा नाकाफी नहीं साबित हो, जैसा कि इक्का-दुक्का मामलों में अब भी देखा जा रहा है।

अब तक 13 लाख से अधिक वैरिएंट का चल चुका है पता

आइसीएमआर के एक विज्ञानी ने कहा कि वैरिएंट की पहचान करना मुश्किल नहीं है। अब तक 13 लाख से अधिक वैरिएंट की पहचान हो चुकी है। लेकिन समस्या यह जानने में आती है कि कौन सा वैरिएंट भविष्य में अधिक संक्रामक साबित होगा। सितंबर में पहचान में आने के बाद ब्रिटिश और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के अत्यधिक संक्रामक होने का पता दिसंबर में जाकर चला। इसी तरह नवंबर के अंत में पहचाने गए डबल म्यूटेंट वैरिएंट को भारत में मार्च से शुरू हुई दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी