वैक्सीन पर केंद्र व राज्य में टकराव, कीमतों को लेकर हाई कोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के वकील सुद्रीप श्रीवास्तव व संदीप दुबे की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि वैक्सीन बनाने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से रिसर्च किया गया है। इसके लिए सरकार ने संसाधन भी मुहैया कराया है।
बिलासपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार ने 18 से 44 वर्ष तक के लोगों को भी टीकाकरण की अनुमति दे दी है। मगर कंपनियों ने केंद्र और राज्य को वैक्सीन आपूर्ति के लिए अलग-अलग कीमतों का निर्धारण किया है। इसे लेकर केंद्र और राज्य के बीच टकराव जारी है। वैक्सीन की कीमत निर्धारण को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को सकती है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के वकील सुद्रीप श्रीवास्तव व संदीप दुबे की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि वैक्सीन बनाने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से रिसर्च किया गया है। इसके लिए सरकार ने संसाधन भी मुहैया कराया है। केंद्र ने कोरोना वारियर्स से लेकर वरिष्ठ नागरिकों और 45 से अधिक आयु वर्ग का मुफ्त में टीकाकरण किया है। इसके तहत कंपनी ने केंद्र सरकार को 150 रूपये में टीका उपलब्ध कराया है। अब बढ़ते संक्रमण से युवाओं में खतरा उत्पन्न हो गया है। इसके चलते केंद्र सरकार ने युवाओं को भी टीकाकरण कराने की अनुमति दी है। लेकिन वैक्सीन कंपनी जिस टीका को केंद्र सरकार को 150 रूपये में दिया है। उसी को राज्य शासन को 600 से 1200 रूपये में दिया जा रहा है।
याचिका में कहा गया है कि वैक्सीन की कीमत दुनिया में सबसे ज्यादा है। ऐसे में यह आमजनों की पहुंच से दूर होगी। जबकि टीकाकरण देश के युवाओं को ही लगना है। ऐसे में इस तरह से अलग-अलग कीमतें तय करना असंवैधानिक है। याचिका में इन मुद्दों को उठाते हुए हाई कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह भी किया गया है।