कोरोना टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के 31 मामले आए सामने, एक की मृत्‍यु- कोविड-19 टास्‍क फोर्स

कोरोना रोधी टीकों के दुष्प्रभावों का अध्ययन कर रही सरकार की एक समिति ने टीकाकरण के बाद एनाफिलेक्सिस की वजह से मृत्यु के पहले मामले की पुष्टि की है। कोरोना का टीका लगाए जाने के बाद प्रतिकूल प्रभावों से मौत के 31 मामलों का समिति ने मूल्यांकन किया।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:34 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 08:37 PM (IST)
कोरोना टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के 31 मामले आए सामने, एक की मृत्‍यु- कोविड-19 टास्‍क फोर्स
देश में कोरोना वैक्सीन से पहली मौत की पुष्टि। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना रोधी टीकों के दुष्प्रभावों का अध्ययन कर रही सरकार की एक समिति ने टीकाकरण के बाद एनाफिलेक्सिस (जानलेवा एलर्जी) की वजह से मृत्यु के पहले मामले की पुष्टि की है। कोरोना का टीका लगाए जाने के बाद प्रतिकूल प्रभावों (एईएफआइ) के 31 मामलों का समिति ने मूल्यांकन किया। राष्ट्रीय एईएफआइ समिति की रिपोर्ट के अनुसार 68 साल के एक व्यक्ति को आठ मार्च, 2021 को टीका लगाया गया था, जिसके बाद गंभीर एलर्जी होने से उनकी मृत्यु हो गई।समिति के अध्यक्ष डा. एनके अरोड़ा ने बताया, यह कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ा एनाफिलेक्सिस से मृत्यु का पहला मामला है। इससे यह बात और पुख्ता होती है कि टीका लगवाने के बाद टीकाकरण केंद्र पर 30 मिनट तक इंतजार करना जरूरी है।

समिति ने पांच ऐसे मामलों का अध्ययन किया

अधिकतर एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रियाएं इसी अवधि में होती हैं और तत्काल उपचार से रोगी को मृत्यु से बचाया जा सकता है। समिति ने पांच ऐसे मामलों का अध्ययन किया, जो पांच फरवरी को सामने आए थे, आठ मामले नौ मार्च को और 18 मामले 31 मार्च को सामने आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के पहले सप्ताह के आंकड़ों के अनुसार, टीके की प्रति 10 लाख डोज में मृत्यु के मामले 2.7 हैं। इतनी ही डोज में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 4.8 है।समिति ने कहा कि केवल मृत्यु होना या रोगी का अस्पताल में भर्ती होना इस बात को साबित नहीं कर देता कि ये घटनाएं टीका लगवाने के कारण हुईं।समिति के अनुसार मौत के कुल 31 मामलों में से 18 मामलों का टीकाकरण से कोई लेना-देना नहीं पाया गया। सात मामलों को अनिश्चित की श्रेणी में रखा गया। तीन मामले टीके के उत्पाद से संबंधित थे। एक मामला चिंता और बेचैनी से जुड़ा पाया गया और दो मामलों को किसी श्रेणी में नहीं रखा गया।

क्या है एनाफिलेक्सिस एनाफिलेक्सिस

एक घातक एलर्जी होती है। इसका तुरंत इलाज किया जाना चाहिए। यह एक आपातकालीन स्थिति है, जो तेजी से फैलती है। समय पर इलाज किए जाने पर इस असामान्य एलर्जी से ज्यादातर लोग ठीक भी हो जाते हैं।

एनाफिलेक्सिस के लक्षण त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं। खुजली होने लगती है और सूजन भी आ जाती है। आक्सीजन की कमी के कारण त्वचा का रंग नीला पड़ सकता है। कई बार चक्कर आ जाता है और सिर दर्द भी होने लगता है। सांस लेने में घरघराहट की आवाज आती है। जीभ पर भी सूजन आ जाती है।

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